बस्ती: बिहार से बस्ती के एक आश्रम पहुंची रेप पीड़िता साध्वी पर सोमवार को आरोपियों ने हमला कर दिया. आरोपियों ने साध्वी की कार में तोड़फोड़ की. इसके बाद साध्वी के ड्राइवर को बंधक बनाकर जमकर पीटा. इस मामले में पीड़िता ने सोमवार को लालगंज थाना पर आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी है. वहीं, एएसपी ने एसओ लालगंज को तत्काल FIR लिखने का निर्देश दिया है.
साध्वी के मुताबिक लालगंज थाना क्षेत्र में सोमवार को वे अपने दो साध्वी के साथ आश्रम पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि कोर्ट द्वारा सील किए गए आश्रम में तीनों अपराधी कल्पना चौधरी, गिरजा शंकर और अजीत ताला तोड़कर रह रहे थे. उन्होंने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन पर हमला कर दिया. इस दौरान मुख्य आरोपी कल्पनाथ ने गला दबाकर उनकी हत्या करने की कोशिश की. इस हमले में 10 से अधिक दबंग शामिल थे. आरोपियों ने उनके कार के ड्राइवर को भी बंधक बनाकर उसकी पिटाई की. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची साध्वी समेत बंधक बने ड्राइवर को छोड़ाकर थाने ले आई. एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि लालगंज थाना अध्यक्ष को साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि मुकदमा दर्ज करके उचित कार्रवाई करें. आश्रम की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, जिस पर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.
2018 में तीनों आरोपियों के खिलाफ बिहार में दर्ज हुआ था मुकदमा
गौरतलब है कि लालगंज थाना क्षेत्र में 2018 को बिहार की एक साध्वी ने ग्राम प्रधान रहे कल्पनाथ चौधरी, उसके दो भाइयों अजीत चौधरी और गिरजा शंकर चौधरी के खिलाफ डकैती सहित बलात्कार के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई थी. यह मामला बिहार के नेवादा जिले के महिला थाने और शेखपुरा जिले के गोविंदपुरा थाने में पंजीकृत हुआ था. जिसके बाद बिहार पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच की और आरोपों की पुष्टि होने के बाद चार्जसीट को न्यायालय में भेज दिया. कोर्ट ने ट्रॉयल के दौरान बिहार पुलिस को आरोपियों को उनके सामने हाजिर करने का आदेश दिया. बिहार पुलिस ने जब भी इन अपराधियों को पकड़ने के लिए बस्ती के लालगंज थाना क्षेत्र में पहुंचती, तब ही ये तीनों आरोपी मौके से फरार हो जाते थे. बिहार पुलिस और अपराधियों के बीच की यह आंख मिचौली पिछले चार सालों से चलती आ रही है. तीनों आरोपी अभी भी पुलिस के चंगुल से फरार है.
ये भी पढ़ें- मेरठ में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, आंख भी फोड़ी