लखनऊ: प्रयागराज के शाहगंज थानांतर्गत कॉल्विन अस्पताल में शनिवार को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन शूटर्स ने हत्या कर दी थी. शूटर्स को गिरफ्तार करने के साथ ही यूपी पुलिस ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की है, इसके अलावा डीजीपी ने विवेचना के पर्यवेक्षण के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है. एसआईटी अतीक अहमद के हत्या की वजह तलाशने में जुटी है. वहीं, गृह विभाग द्वारा गठित न्यायिक आयोग इस पूरे घटना क्रम की जांच कर रहा है. इस बीच यूपी पुलिस ने ऐसे कई लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं, जो अतीक अहमद से पीड़ित थे. चलिए जानते हैं उनके बारे में.
1. जीशान, कसारी-मसारी
एक अगस्त 2022 को प्रापर्टी डीलर जीशान ने करेली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि दिसंबर 2021 को उस पर अतीक के बेटे अली ने हमला किया और पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी.
2. जया पाल पत्नी स्व.उमेश पाल
24 फरवरी 20230 को जया पाल के पति उमेश पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में अतीक अहमद के बेटे असद ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर गोलियों और बम चला हत्या कर दी थी.
3.मदरसा कांड
17 जनवरी 2007 को देर रात बंदूकधारी बदमाश प्रयागराज के एक मदरसे से दो नाबालिग लड़कियों को उठा कर अपने साथ ले गए. कुल पांच लोगों ने नदी के किनारे लड़कियों के साथ कई बार दुष्कर्म किया. दोनों लड़कियों को सुबह होने से पहले लहूलुहान हालत में मदरसे के दरवाजे पर फेंककर बदमाश भाग निकले. इस मदरसा कांड में अतीक गैंग का नाम आया था.
4.सूरज कली
वर्ष 1989, माफिया अतीक अहमद ने प्रयागराज के झालना इलाके में बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की साढ़े बारह बीघे जमीन पर कब्जा कर लिया था. विरोध करने पर उसने बच्चा कुशवाहा का अपहरण करवा दिया।तब से, बच्चा की पत्नी सूरज कली पिछले 33 सालों से अतीक अहमद के गुर्गों से अकेले टक्कर ले रही हैं. वहीं, जमीन की लड़ाई में उनके और उनके बेटे पर गोली भी चली. वह अपनी साढ़े बारह बीघा पुश्तैनी जमीन बचाने के लिए पुलिस और अदालत के चक्कर काट रही है.
5. स्व. अशोक साहू का परिवार
वर्ष 1996, प्रयागराज के सिविल लाइंस में व्यापारी अशोक साहू की हत्या हुई थी. आरोप था कि अतीक अहमद के भाई अशरफ ने अशोक साहू को बेरहमी से मारा जिसमें उनकी मौत हो गई. इस मामले में अतीक और उसके पिता जेल गए थे, अशरफ को घटना से दो घंटे पहले चंदौली में एक थाना प्रभारी ने तमंचा के साथ गिरफ्तार दिखा दिया.
6. स्व. अशफाक कुन्नू का परिवार
वर्ष 1994, पार्षद अशफाक कुन्नू का कत्ल हो गया था. उस हत्याकांड में अतीक और अशरफ का नाम आया था लेकिन तब अतीक का ऐसा दबदबा था कि उस पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा गया. घटना के 5 वर्ष बाद 1999 में तब के एसपी सिटी लालजी शुक्ला ने अशफाक कुन्नू हत्याकांड में अशरफ की पहली बार गिरफ्तारी की.
7. पार्षद नस्सन का परिवार
नस्सन कभी अतीक का करीबी थी लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि अतीक से उसका छत्तीस का आंकड़ा हो गया जिससे अतीक की तल्खी हो जाती थी उसका जीना कठिन होना तय था. यही नस्सन के साथ भी हुआ. उसे 2001 में अतीक ने अपने चकिया कार्यालय के सामने गोलियों से छलनी कर दिया था.
8.भाजपा नेता अशरफ पुत्र अताउल्ला का परिवार
वर्ष 2003 को अतीक के चकिया घर के सामने रहने वाले भाजपा नेता अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. हत्या के बाद अतीक के गुर्गे शव लेकर भाग गए. अतीक को भाजपा नेता अशरफ से चिढ़ थी क्योंकि वह भाजपा से जुड़कर उसे चुनौती देता था.
9.जैद (देवरिया जेल कांड)
अतीक के बेहद खास रहे आबिद प्रधान का दामाद जैद, कभी अतीक के सहारे प्रॉपर्टी डीलर कर करोड़ों में खेलने लगा था. धूमनगंज, मरियाडीह, असरौली, एयरपोर्ट के आस पास के इलाकों के साथ बम्हरौली में जितनी जमीनों की खरीद फरोख्त होती, जैद ही करता था. प्लाॅटिंग के साथ साथ वह गुंडा टैक्स भी वसूलने लगा था. बम्हरौली एक जमीन को लेकर जैद और अतीक के किसी करीबी के बीच ठन गई. अतीक ने अपने लोगों से जैद को कहलवाया कि वह विश्नापुर वाली जमीन पर अपना दावा छोड़ दे लेकिन, जैद नहीं माना. 22 नवंबर 2018 को जैद, अपने चचेरे भाई उवैश अहमद और दोस्त अभिषेक पांडेय के साथ कार से कहीं जा रहा था. धूमनगंज क्षेत्र से कार से तीनों को उतारकर दूसरी गाड़ी में बिठा दिया गया. तीनों का अपहरण कर देवरिया जेल ले जाया गया. वहां अतीक और उसके गुर्गों ने जैद को पीटकर अधमरा कर दिया.
10. मोहित जायसवाल
वर्ष 2018 को माफिया अतीक नैनी जेल से देवरिया जेल लाया गया था, उसके इशारे पर लखनऊ के बिल्डर मोहित जायसवाल को देवरिया जेल लाकर न केवल पिटाई की गई बल्कि उसकी करोड़ों की संपत्ति हथियाने के लिए स्टांप पेपर पर जबरन दस्तखत करवाया गया. मामला उछला तो शासन ने जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. इसी मुकदमे में अतीक के बडे़ बेटे उमर के खिलाफ मुकदमा लिखा गया और वह दो लाख रुपये का इनामी घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद अब वह लखनऊ की जेल में बंद है.
11. जाबिर, बेली प्रयागराज
वर्ष 2016 में प्रयागराज के धूमनगंज में अतीक गैंग के शूटर प्रधान आबिद की चचेरी बहन और उसके ड्राइवर की 19 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी, तब आबिद प्रधान ने अतीक के विरोधी कम्मो और जाबिर सहित कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. बाद में बीजेपी की सरकार बनी तो इस दोहरे हत्याकांड की दोबारा जांच हुई. जांच में पता चला कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने साजिश रचकर डबल मर्डर कराया, जिससे अपने विरोधी कम्मो और जाबिर को फंसाया जा सके. अतीक के विरोध में पैरवी जाबिर हसन ही कर रहे थे, इसलिए अतीक और उसके गुर्गों ने साबिर को कई बार डराया धमकाया था.
12. सिक्योरिटी इंचार्ज राम कृष्ण सिंह
वर्ष 2017 में सपा शासन में अतीक अहमद अपने एक करीबी के बेटे को परीक्षा में नकल के आरोप में निष्कासित करने पर इस कदर गुस्से से उफनाया कि कई गाड़ियों में गुर्गों को लेकर शुआट्स पहुंचा और जमकर उत्पात किया था. वहां कर्मचारियों और शिक्षकों को मारा-पीटा और धमकाया.
13. शबीर उर्फ शेरू
शबीर उर्फ शेरू 2016 में हुए सुरजीत-अलकमा हत्याकांड के गवाह है. इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ नामजद हैं. 14 अप्रैल 2019 को अतीक के गुर्गों ने शेरू के घर का दरवाजा तोड़ा और उसे पैरवी न करने की धमकी दी. इसके अलावा पार्षद सुशील यादव, पार्षद खुल्दाबादट, जग्गा का परिवार, मकसूद और अरशद भी अतीक और उसके गैंग से पीड़ित रहे हैं.