हैदराबाद : केरल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर सभी पार्टियां कमर कस रही हैं. बता दें, केरल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. वहीं कांग्रेस और अन्य पार्टियां भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने कहा कि अगर इन चुनावों में बीजेपी जीत हासिल करती है, तो वह राज्य के मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं. अपनी मेट्रो मैन की छवि से बाहर आते हुए वह एक राजनेता के रूप में नई भूमिका में सबके सामने आए हैं.
श्रीधरन ने मीडिया को संबोधित करते हुए राजनीति में प्रवेश करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा केरल में सत्ता में चुनी जाती है, तो वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं.
उन्होंने कहा कि वह राज्य में बुनियादी सुविधाओं को बड़े पैमाने पर विकसित करने की दिशा में प्रयास करेंगे और राज्य को बढ़ते कर्जों से बचाने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे. श्रीधरन ने भाजपा के नेतृत्व में पलक्कड़ जिले से चुनाव लड़ने की मांग की है.
भाजपा के राज्य नेतृत्व ने ई श्रीधरन की सार्वजनिक स्वीकार्यता और मेट्रो मैन के रूप में लोकप्रियता को भुनाने का फैसला किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन के नेतृत्व में विजया यात्रा का शुभारंभ कासरगोड से हुआ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के विजय यात्रा का उद्घाटन किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं. इसी के साथ ही राज्य में भाजपा के चुनाव अभियानों का पहला चरण संपन्न हुआ.
इस बीच, कांग्रेस और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) भी चुनाव के मद्देनजर पूरी तरह से कमर कसे हुए है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी केरल दौरे पर हैं.
इन सभी के बीच, राज्य की राजधानी में सरकार की कथित अवैध नियुक्तियों के खिलाफ विरोध और आंदोलन जारी है. तिरुवनंतपुरम में यूथ कांग्रेस के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, केरल के एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर और भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास शुक्रवार को पहुंचे थे.
प्रदर्शनकारी नौकरी चाहने वालों के एक समूह ने भाजपा नेता शोभा सुरेंद्रन के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की. इस बीच, सीपीएम राज्य सचिवालय ने विरोध करने वाले रैंक धारकों के साथ चर्चा करने का निर्णय लिया.
सीपीएम के राज्य सचिवालय के फैसले ने पिनारई विजयन के रुख को आगे बढ़ाते हुए बातचीत को आगे बढ़ाया, क्योंकि विरोध प्रदर्शन चुनावों को प्रभावित कर सकते थे. सीपीएम सचिवालय ने राज्य सरकार को पीएससी भर्तियों के संबंध में सरकार के कार्यों के विरोधियों को समझाने का निर्देश दिया.
पिनाराई विजयन के खिलाफ एसएनसी लवलीन मामला इस बार भी चर्चाओं में रहा है. पिनाराई विजयन को एसएनसी लवलीन मामले के आरोपियों की सूची से हटाने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर मंगलवार को न्यायालय द्वारा विचार किया जाना है. न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करने वाले हैं. केरल एसएनसी लवलीन मामले में सुनवाई के आधार पर राजनीतिक चर्चा कर रहा है. ऐसे में यह देखने और दिलचस्प होगा की क्या भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टिया ऐसे में किन नए विकल्पों और समीकरणों का निर्माण करती हैं.