नई दिल्ली: व्यापक और अग्रिम योजना, सावधानीपूर्वक अनुवर्ती कार्रवाई और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के कारण जब्ती के आंकड़ों में भारी वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में चल रहे विधानसभा चुनाव, 2022 (Assembly Elections 2022) के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपए (Seizures crosses Rs.1000 Crores) मूल्य के नकद और अन्य सामग्री जब्त की गई है. इसमें ड्रग्स (56%), शराब (10%), नकद (14%), कीमती धातु (11%) और मुफ्त बांटी जाने वाली सामग्री (9%) शामिल हैं. खर्च की निगरानी को मजबूत करने की प्रक्रिया 2021 में 5 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा चुनावों से आगे बढ़ी, जिसमें आयोग की बहुआयामी रणनीति के प्रयासों के कारण उन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 2016 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 4 गुना से अधिक बरामदगी हुई. पंजाब 510.91 करोड़ के साथ संबंधित अधिकारियों द्वारा पकड़े गए जब्ती की सूची में सबसे ऊपर है, उत्तर प्रदेश 307.92 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि गोवा 12.73 करोड़ के साथ सबसे ऊपर है. जबकि उत्तराखंड और मणिपुर के आंकड़े क्रमश: 18.81 करोड़ और 167.83 करोड़ रहे.
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चुनाव आयोग (Election Commission) ने सीबीडीटी, सीबीआईसी, एनसीबी, उत्पाद शुल्क (CBDT, CBIC, NCB, Excise) और सीमावर्ती राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ चुनाव वाले राज्यों में 'प्रेरण-मुक्त' चुनाव (‘Inducement Free’ Elections) सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण रूपरेखा के लिए कई बैठकें कीं. आयोग ने राज्यों में आयोजित बैठकों के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस नोडल अधिकारियों की व्यापक समीक्षा की. ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बनाई गई वस्तुओं की करीबी और प्रभावी निगरानी पर जोर दिया जा सके.
चुनाव के दौरान नशीली दवाओं के खतरे और इसके संभावित उपयोग को भांपते हुए आयोग ने महानिदेशक, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (DG Narcotics Control Bureau) के साथ बैठक भी बुलाई. नियमित समीक्षा और सख्त प्रवर्तन के कारण ड्रग्स / नारकोटिक्स श्रेणी में अधिकतम बरामदगी हुई है. चुनाव के दौरान एजेंसियों ने पंजाब में 109 करोड़ रुपये की ड्रग्स (Seized Drugs Worth Rs 109 Crores In Punjab) और उत्तर प्रदेश में 8 लाख लीटर से अधिक शराब (8 Lakhs Litres Of Liquor In Uttar Pradesh) जब्त की.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा की विधानसभाओं के आम चुनावों में धन शक्ति पर अंकुश लगाने और प्रभावी निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने 228 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है. आयोग ने विशेष व्यय पर्यवेक्षकों, अधिकारियों को भी नियुक्त किया है जिनके पास डोमेन विशेषज्ञता का त्रुटिहीन और शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. विशेष पर्यवेक्षक अपने निर्धारित राज्यों में सीईओ कार्यालय, जिला प्रशासन और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ विभिन्न बैठकें कर रहे हैं. उचित मूल्यांकन के बाद, इन राज्यों में 63 विधानसभा क्षेत्रों को अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है.