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असम में पुलिस अत्याचार के मामलों में वृद्धि

असम में पुलिस अत्याचार के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. असम पुलिस जवाबदेही आयोग(Assam Police Accountability Commission) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2021 में पुलिस अत्याचार के कुल 243 मामले दर्ज किए गए हैं.

Assam see sharp rise in police atrocities cases
असम में पुलिस अत्याचार के मामलों में वृद्धि
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Published : Jan 18, 2022, 6:49 AM IST

गुवाहाटी: असम में पुलिस अत्याचार के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. असम पुलिस जवाबदेही आयोग(Assam Police Accountability Commission) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2021 में पुलिस अत्याचार के कुल 243 मामले दर्ज किए गए हैं. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि चालू वर्ष में 13 जनवरी तक पुलिस अत्याचार के 12 मामले आयोग में दर्ज किए गए हैं. आंकड़ों का महत्व इसलिए है क्योंकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने हाल ही में मई 2021 से राज्य में हुए फर्जी मुठभेड़ों के मामलों में असम सरकार से जवाब तलब किया है.

एक जनहित याचिका (पीआईएल) में दिल्ली के एक वकील आरिफ जवादर ने कहा कि मई 2021 से असम में फर्जी मुठभेड़ों की 80 घटनाएं हुईं और इसके परिणामस्वरूप 28 मौतें हुईं और 48 घायल हो गए. असम के रहने वाले और दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले जवादर ने कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और विशेष जांच दल (SIT) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य राज्य की पुलिस टीम द्वारा न्यायालय की देखरेख में एक स्वतंत्र जांच के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- जानिए कहां 44 लाख रुपये में नीलाम कर दिया सरपंच का पद, जांच के आदेश

आंकड़ों के अनुसार, पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज अधिकांश मामलों में हिरासत में मौत, सुरक्षा बलों के साथ छेड़छाड़, अवैध हिरासत, जबरन वसूली, प्रथम सूचना रिपोर्ट का पंजीकरण न होना आदि अपराधों से संबंधित हैं. आयोग की स्थापना 2008 में हुई थी. और वर्ष 2019 में आयोग में सबसे अधिक 385 मामले असम पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज किए गए. आयोग के सूत्रों ने कहा कि पिछले दो वर्षों में संभवत: देश में लागू किए गए कोविड -19 संबंधित लॉकडाउन के कारण मामलों की संख्या में कमी आई है.

गुवाहाटी: असम में पुलिस अत्याचार के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. असम पुलिस जवाबदेही आयोग(Assam Police Accountability Commission) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2021 में पुलिस अत्याचार के कुल 243 मामले दर्ज किए गए हैं. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि चालू वर्ष में 13 जनवरी तक पुलिस अत्याचार के 12 मामले आयोग में दर्ज किए गए हैं. आंकड़ों का महत्व इसलिए है क्योंकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने हाल ही में मई 2021 से राज्य में हुए फर्जी मुठभेड़ों के मामलों में असम सरकार से जवाब तलब किया है.

एक जनहित याचिका (पीआईएल) में दिल्ली के एक वकील आरिफ जवादर ने कहा कि मई 2021 से असम में फर्जी मुठभेड़ों की 80 घटनाएं हुईं और इसके परिणामस्वरूप 28 मौतें हुईं और 48 घायल हो गए. असम के रहने वाले और दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले जवादर ने कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और विशेष जांच दल (SIT) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य राज्य की पुलिस टीम द्वारा न्यायालय की देखरेख में एक स्वतंत्र जांच के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश की मांग की थी.

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आंकड़ों के अनुसार, पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज अधिकांश मामलों में हिरासत में मौत, सुरक्षा बलों के साथ छेड़छाड़, अवैध हिरासत, जबरन वसूली, प्रथम सूचना रिपोर्ट का पंजीकरण न होना आदि अपराधों से संबंधित हैं. आयोग की स्थापना 2008 में हुई थी. और वर्ष 2019 में आयोग में सबसे अधिक 385 मामले असम पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज किए गए. आयोग के सूत्रों ने कहा कि पिछले दो वर्षों में संभवत: देश में लागू किए गए कोविड -19 संबंधित लॉकडाउन के कारण मामलों की संख्या में कमी आई है.

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