करीमगंज : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) विकसित की है. 17 मई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का पहला बैच जारी किया है.
इस दवा को बनाने में असम की वैज्ञानिक का भी योगदान है. असम की बराक घाटी की युवा वैज्ञानिक डॉ. जुबली, डीआरडीओ की प्रयोगशाला, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) में दवा पर शोध करने वाली टीम में शामिल हैं.
INMAS ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सहयोग से दवा विकसित की है. एंटी-कोविड-19 दवा को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आपातकालीन स्वीकृति भी दी है.
असम के करीमगंज जिले के दूरस्थ महिषाशन में जन्मी डॉ. जुबली पुरकायस्थ पिछले कुछ समय से INMAS में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही हैं. उन्होंने करीमगंज कॉलेज में पढ़ाई की और बाद में जोरहाट में नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनईआईएसटी) से पीएचडी पूरी की.
2008 में वैज्ञानिक के रूप में तेजपुर में डीआरडीओ की रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला में शामिल हुईं. 2014 में वह INMAS दिल्ली के साथ जुड़ीं.
पढ़ें- राजनाथ सिंह और डॉ. हर्षवर्धन ने लॉन्च की DRDO की एंटी कोरोना दवा 2DG
जुबली ने 2-डीजी बनाने वाली टीम में शामिल करने के लिए आभार व्यक्त किया. उनका कहना है कि देश के लिए बहुत कुछ करना है.