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असम : ब्रह्मपुत्र के उत्तरी किनारे वाली सीटों पर दलों का दांव, उतार रहे स्टार प्रचारक - इस बार कैसा है जीत का गणित

असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी का उत्तरी किनारा राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरण का केंद्र बन चुका है. भाजपा जहां इस क्षेत्र को सफलता की कुंजी मानकर चल रही है, वहीं कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन पाने की फिराक में है.

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Published : Mar 15, 2021, 6:29 PM IST

गुवाहाटी : देशभर में विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार करने के दौरान ही राज्यों का दौरा करते हैं. लेकिन जहां तक इस बार के चुनावों की बात है तो यहां असम में थोड़ा अंतर है. यहां सत्तारूढ़ भाजपा के स्टार प्रचारकों को इस समय असम में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट वाले निर्वाचन क्षेत्रों के आस-पास प्रचार करते देखा जा सकता है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि उत्तरी किनारे वाले 18 विधानसभा क्षेत्र ही जीत दिला सकते हैं. खासकर राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरणों के कारण सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए यह उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने ऊपरी असम के जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को लोअर असम और बराक घाटी में पर्याप्त समर्थन मिलने की संभावना है.

भाजपा की संभावना मजबूत

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के मध्य असम के कुछ हिस्सों में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है. इसलिए सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के लिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के लिए उत्तरी बैंक में पहले ही सिलपत्थर, धेमाजी, ढेकियाजुली में चुनाव प्रचार किया है. वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 14 मार्च को असम के दौरे पर गए थे.

पहुंच रहे हैं स्टार प्रचारक

राजनाथ सिंह ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और 3000 करोड़ रुपये के इंजीनियरिंग कॉलेज की नींव रखी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जिन्होंने बराक घाटी से असम में अभियान शुरू किया था. उन्होंने उत्तरी किनारे के निर्वाचन क्षेत्रों जैसे धाकुखाना, बोरसाला, सूटेया और तेजपुर में भी प्रचार किया है. नड्डा 21 मार्च को बेहाली में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जल्द ही कालीगांव और बिश्वनाथ में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करने वाले हैं.

इस बार कैसा है जीत का गणित

भगवा पार्टी के सूत्रों ने कहा कि अधिक स्टार प्रचारकों के असम जाने की संभावना है. चुनावों में और उत्तरी किनारे के निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी यात्रा के कार्यक्रम को सूचीबद्ध किया जा रहा है. उत्तरी बैंक में 18 सीटे हैं जहां बोडो, चाय जनजाति प्रमुख मतदाता हैं. कुछ जगहों पर गोरखा समुदाय की पर्याप्त हिस्सेदारी है. पिछले चुनाव में धेमाजी और जोनाई सीट भाजपा के सहयोगी ने जीते थे जिसका भाजपा में विलय हो गया. लखीमपुर सीट को 2016 में बीजेपी के गठबंधन वाले असोम गण परिषद ने जीता था.

2016 में क्या थी स्थिति

भगवा पार्टी ने बिहपुरिया सीट भी जीत ली थी. 2016 में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने जो नौबिखा सीट जीती थी. निर्वाचन क्षेत्र में पर्याप्त मुस्लिम वोट हैं और एजीपी इस बार इस सीट पर चुनाव लड़ेगी. ढेकियाजुली, धाकुखाना, बरचल्ला, बेहाली, रंगापारा, गोहपुर, सूता, बिश्वनाथ को 2016 में बीजेपी ने जीता था, जबकि एजीपी ने तेजपुर सीट जीती थी. बीपीएफ जो अतीत में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा था, ने पनारी, मजबत, उदलगुरी और कलईगांव सीटें जीती थीं.

हालांकि, बीपीएफ ने भाजपा के साथ अपना संबंध विच्छेद कर लिया है और वह इस बार कांग्रेस में शामिल हो गया है. बीपीएफ चीफ हाग्रामा मोहिलरी ने पहले कहा था कि कांग्रेस इन सीटों को जीतेगी, क्योंकि बीपीएफ अब कांग्रेस के साथ है.

यह भी पढ़ें-बंगाल चुनाव पर ईटीवी भारत से बोले गडकरी, जनता चाहती है 'परिवर्तन', हम बदलेंगे तस्वीर

दूसरी ओर कांग्रेस भी इस बार नॉर्थ बैंक में अपनी खोई जमीन हासिल करने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने पहले ही अपने स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को उत्तरी बैंक में मतदाताओं को लुभाने के लिए भेजा था. प्रियंका ने तेजपुर, गहपुर और बिश्वनाथ में लोगों को संबोधित किया और चुनावी अभियान शुरू किया.

गुवाहाटी : देशभर में विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार करने के दौरान ही राज्यों का दौरा करते हैं. लेकिन जहां तक इस बार के चुनावों की बात है तो यहां असम में थोड़ा अंतर है. यहां सत्तारूढ़ भाजपा के स्टार प्रचारकों को इस समय असम में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट वाले निर्वाचन क्षेत्रों के आस-पास प्रचार करते देखा जा सकता है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि उत्तरी किनारे वाले 18 विधानसभा क्षेत्र ही जीत दिला सकते हैं. खासकर राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरणों के कारण सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए यह उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने ऊपरी असम के जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को लोअर असम और बराक घाटी में पर्याप्त समर्थन मिलने की संभावना है.

भाजपा की संभावना मजबूत

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के मध्य असम के कुछ हिस्सों में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है. इसलिए सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के लिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के लिए उत्तरी बैंक में पहले ही सिलपत्थर, धेमाजी, ढेकियाजुली में चुनाव प्रचार किया है. वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 14 मार्च को असम के दौरे पर गए थे.

पहुंच रहे हैं स्टार प्रचारक

राजनाथ सिंह ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और 3000 करोड़ रुपये के इंजीनियरिंग कॉलेज की नींव रखी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जिन्होंने बराक घाटी से असम में अभियान शुरू किया था. उन्होंने उत्तरी किनारे के निर्वाचन क्षेत्रों जैसे धाकुखाना, बोरसाला, सूटेया और तेजपुर में भी प्रचार किया है. नड्डा 21 मार्च को बेहाली में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जल्द ही कालीगांव और बिश्वनाथ में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करने वाले हैं.

इस बार कैसा है जीत का गणित

भगवा पार्टी के सूत्रों ने कहा कि अधिक स्टार प्रचारकों के असम जाने की संभावना है. चुनावों में और उत्तरी किनारे के निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी यात्रा के कार्यक्रम को सूचीबद्ध किया जा रहा है. उत्तरी बैंक में 18 सीटे हैं जहां बोडो, चाय जनजाति प्रमुख मतदाता हैं. कुछ जगहों पर गोरखा समुदाय की पर्याप्त हिस्सेदारी है. पिछले चुनाव में धेमाजी और जोनाई सीट भाजपा के सहयोगी ने जीते थे जिसका भाजपा में विलय हो गया. लखीमपुर सीट को 2016 में बीजेपी के गठबंधन वाले असोम गण परिषद ने जीता था.

2016 में क्या थी स्थिति

भगवा पार्टी ने बिहपुरिया सीट भी जीत ली थी. 2016 में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने जो नौबिखा सीट जीती थी. निर्वाचन क्षेत्र में पर्याप्त मुस्लिम वोट हैं और एजीपी इस बार इस सीट पर चुनाव लड़ेगी. ढेकियाजुली, धाकुखाना, बरचल्ला, बेहाली, रंगापारा, गोहपुर, सूता, बिश्वनाथ को 2016 में बीजेपी ने जीता था, जबकि एजीपी ने तेजपुर सीट जीती थी. बीपीएफ जो अतीत में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा था, ने पनारी, मजबत, उदलगुरी और कलईगांव सीटें जीती थीं.

हालांकि, बीपीएफ ने भाजपा के साथ अपना संबंध विच्छेद कर लिया है और वह इस बार कांग्रेस में शामिल हो गया है. बीपीएफ चीफ हाग्रामा मोहिलरी ने पहले कहा था कि कांग्रेस इन सीटों को जीतेगी, क्योंकि बीपीएफ अब कांग्रेस के साथ है.

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दूसरी ओर कांग्रेस भी इस बार नॉर्थ बैंक में अपनी खोई जमीन हासिल करने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने पहले ही अपने स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को उत्तरी बैंक में मतदाताओं को लुभाने के लिए भेजा था. प्रियंका ने तेजपुर, गहपुर और बिश्वनाथ में लोगों को संबोधित किया और चुनावी अभियान शुरू किया.

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