नई दिल्ली : असम लोक निर्माण संगठन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में यह आरोप लगाया है कि असम में अजिताक्ष वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और गार्गो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को सभी सरकारी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए ठेका कार्य दिया गया था. मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए.
एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि हमने उच्च स्तरीय जांच और अनियमितता की अपील की. पायलट प्रोजेक्ट के नाम पर सरकारी खजाने से लगभग 80 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया है. असम भवन विभाग के तहत विभिन्न जिलों में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यान्वयन के पहले चरण में यह घोटाला किया गया है.
शर्मा ने कहा कि दोनों फर्मों ने लाभार्थियों की फर्जी सूची प्रस्तुत कर श्रमिकों को उचित प्रशिक्षण दिए बिना ही स्वीकृत राशि निकाल ली. शर्मा ने कहा कि अब पता चला है कि पहले चरण में भ्रष्टाचार के बाद दूसरे चरण की परियोजना भी 150 करोड़ रुपये की लागत से चल रही है.
शर्मा ने कहा कि उनके संगठन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा को एक पत्र लिखकर उन्हें चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी दी है. शर्मा ने कहा क हमने मुख्यमंत्री को कौशल और प्रशिक्षण देने के नाम पर हो रही अनियमितताओं के बारे में सूचित किया है, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
यह APW था जिसकी याचिका पर, राज्य में अवैध विदेशी रहने का पता लगाने के लिए असम में मेगा नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) लागू किया गया था. शर्मा ने कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण से जुड़ा घोटाला शुरूआत हो सकता है. क्योंकि राज्य सरकार के अन्य विभिन्न विभागों में कई अन्य घोटाले हो रहे हैं.