लखीमपुर: असम के लखीमपुर में स्थित उत्तर पूर्व के दूसरे सबसे बड़े लीलाबाड़ी हवाईअड्डे पर बुधवार रात एक घातक दुर्घटना होने से बच गई. हवाईअड्डे पर उस समय आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एक पायलट प्रशिक्षण विमान का उतरते वक्त पहिया नहीं खुला. अंततः विमान की क्रैश लैंडिंग करानी पड़ी. कथित तौर पर, इस घटना में एक महिला प्रशिक्षु पायलट मामूली रूप से घायल हो गई.
उल्लेखनीय है कि लीलाबाड़ी हवाई अड्डे में रेड बर्ड एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का एक पायलट प्रशिक्षण केंद्र शामिल है. पायलट प्रशिक्षण केंद्र, जिसे लगभग दो साल पहले शुरू किया गया था और उसका औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में किया था. यह घटना केंद्र में प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विमान में हुई, जहां पूर्वोत्तर के कई प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जाता है.
जानकारी सामने आई है कि एक ट्रेनर पायलट ने एक युवा प्रशिक्षु पायलट के साथ बुधवार शाम को उड़ान भरी थी. यह घटना तब हुई जब विमान कुछ देर हवाई क्षेत्र में प्रशिक्षण के बाद वापस लौट रहा था और हवाईअड्डे पर उतरने ही वाला था. लैंडिंग के वक्त विमान के पहिए नहीं खुलने से पायलट खतरे में पड़ गए, जिसके कारण विमान ठीक से लैंड नहीं कर सका. पायलट ने जैसे ही इस संकट का संदेश एयरपोर्ट पर भेजा, एयरपोर्ट पर हंगामा मच गया.
हवाई अड्डे पर आपातकाल घोषित कर दिया गया. फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को फौरन ही बुला लिया गया. रनवे पर विशेष तरल पदार्थ डाल दिए गए. पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भी तैयार हो गए. एयरपोर्ट पर सभी लोग किसी भी अप्रिय घटना के लिए तैयार थे. ऐसी संभावना थी कि रनवे पर बिना पहियों के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण टैंक से निकले ईंधन के साथ घर्षण के बाद विमान में आग लग सकती है. इसी बीच विमान के पायलट ने होशियारी दिखाई और उन्होंने विमान को काफी देर तक आसमान में रखा.
जैसे ही विमान का ईंधन खत्म होने वाला हुआ, पायलट ने रनवे के बिल्कुल अंत में प्लेन को क्रैश लैंड करा दिया. रनवे पर विमान खतरनाक तरीके से उतरा, लेकिन सौभाग्य से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. क्रैश लैंडिंग के दौरान घर्षण से चिंगारी निकली, लेकिन विमान में ईंधन की कमी के कारण आग नहीं भड़की. जानकारी के अनुसार प्रशिक्षु को मामूली चोट आई हैं और उसकी हालत स्थिर है. ट्रेनर पायलट की सूझबूझ और साहस की वजह से विमान के साथ-साथ एयरपोर्ट भी भयानक हादसे से बच गया.