गुवाहाटी: असम में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का लगातार विरोध हो रहा है. इस बीच भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की टीम निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्निर्धारण पर सार्वजनिक सुनवाई और विपक्षी दलों के नेताओं से बात करने के लिए 20 जुलाई को असम जाएगी. दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने असम सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद कई निर्वाचन क्षेत्रों में व्यापक बदलाव किए हैं. साथ ही पुराने निर्वाचन क्षेत्र खत्म करके नए निर्वाचन क्षेत्र बनाए हैं.
दरअसल, राज्य सरकार ने प्रदेश में 2 लोकसभा क्षेत्रों और 10 विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने का प्रस्ताव दिया है. असम सरकार ने गुवाहाटी और दरांग लोकसभा क्षेत्रों के नाम फिर से तय करने का समर्थन किया है. राज्य सरकार ने भारत चुनाव आयोग को गुवाहाटी लोकसभा क्षेत्र का नाम प्रागज्योतिषपुर और दरांग लोकसभा क्षेत्र का नाम भैरबकुंडा करने का प्रस्ताव दिया है. हिमंत सरकार ने दो लोकसभा क्षेत्रों के अलावा 10 विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने का भी प्रस्ताव दिया है. राज्य सरकार चुनाव आयोग को प्रस्ताव पहले ही भेज चुकी है. यह प्रस्ताव राज्य सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में पेश किया था.
10 विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने का प्रस्ताव: असम सरकार ने 10 विधानसभा क्षेत्रों में से मोरन निर्वाचन क्षेत्र का नाम बदलकर खोवांग और बताद्रवा निर्वाचन क्षेत्र का नाम बदलकर ढिंग करने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर बारनगर और गोवर्धन निर्वाचन क्षेत्र का नाम मानस करने का भी प्रस्ताव रखा है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने ईसीआई को दीमा हसाओ निर्वाचन क्षेत्र का नाम पहले की तरह (हाफलोंग) रखने का प्रस्ताव दिया था.
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असम सरकार ने भारत चुनाव आयोग को हाजो निर्वाचन क्षेत्र का नाम बदलकर हाजो-सुवालकुसी करने का प्रस्ताव किया गया है. सीएम हिमंत ने बदरपुर विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर रामकृष्ण नगर करने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन राज्य सरकार ने ईसीआई को मंत्री परिमल शुक्ला वैद्य के प्रतिनिधित्व वाले धलाई निर्वाचन क्षेत्र का नाम नहीं बदलने का प्रस्ताव दिया है. बराक घाटी भी हालिया परिसीमन मसौदे को लेकर सुलग रही है. बराक घाटी में सबसे चर्चित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक बदरपुर निर्वाचन क्षेत्र है.