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असम में विदेशी न्यायाधिकरण का फैसला, 2019 में प्रकाशित NRC अंतिम है

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Published : Sep 20, 2021, 9:35 PM IST

असम में विदेशी न्यायाधिकरण (Foreigners’ Tribunal - FT) ने NRC को लेकर सोमवार को अहम फैसला सुनाया. न्यायाधिकरण ने कहा कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) 'अंतिम एनआरसी' है. पढ़ें पूरी खबर...

विदेशी न्यायाधिकरण का फैसला
विदेशी न्यायाधिकरण का फैसला

गुवाहाटी : असम में विदेशी न्यायाधिकरण (Foreigners’ Tribunal - FT) ने NRC को लेकर सोमवार को अहम फैसला सुनाया. न्यायाधिकरण ने कहा कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) 'अंतिम एनआरसी' है. हालांकि, भारत के महापंजीयक ने अभी इसे अधिसूचित नहीं किया है.

करीमगंज जिले में न्यायाधिकरण ने एक व्यक्ति को भारतीय नागरिक घोषित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र अभी जारी किये जाने हैं 'लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 2019 में प्रकाशित यह एनआरसी अंतिम एनआरसी है'.

विदेशी न्यायाधिकरण-द्वितीय, करीमगंज के सदस्य (संबद्ध) शिशिर डे ने जिले के पाथेरकांडी थाने के जमिराला गांव के बिक्रम सिंघा के खिलाफ 'डी वोटर' (संदिग्ध मतदाता) के मामले में व्यवस्था दी.

पढ़ें : असम एनआरसी के दो साल: फिर से सत्यापन कराने की प्रक्रिया को लेकर अनिश्चतता

पहले मामला 1999 में अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था. उच्चतम न्यायालय ने 2005 में उक्त कानून को रद्द कर दिया, जिसके बाद 2007 में इसे करीमगंज में विदेशी न्यायाधिकरण-प्रथम में स्थानांतरित किया गया. मामले में इस साल एक सितंबर को सुनवाई हुई.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम में विदेशी न्यायाधिकरण (Foreigners’ Tribunal - FT) ने NRC को लेकर सोमवार को अहम फैसला सुनाया. न्यायाधिकरण ने कहा कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) 'अंतिम एनआरसी' है. हालांकि, भारत के महापंजीयक ने अभी इसे अधिसूचित नहीं किया है.

करीमगंज जिले में न्यायाधिकरण ने एक व्यक्ति को भारतीय नागरिक घोषित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र अभी जारी किये जाने हैं 'लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 2019 में प्रकाशित यह एनआरसी अंतिम एनआरसी है'.

विदेशी न्यायाधिकरण-द्वितीय, करीमगंज के सदस्य (संबद्ध) शिशिर डे ने जिले के पाथेरकांडी थाने के जमिराला गांव के बिक्रम सिंघा के खिलाफ 'डी वोटर' (संदिग्ध मतदाता) के मामले में व्यवस्था दी.

पढ़ें : असम एनआरसी के दो साल: फिर से सत्यापन कराने की प्रक्रिया को लेकर अनिश्चतता

पहले मामला 1999 में अवैध प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारण) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था. उच्चतम न्यायालय ने 2005 में उक्त कानून को रद्द कर दिया, जिसके बाद 2007 में इसे करीमगंज में विदेशी न्यायाधिकरण-प्रथम में स्थानांतरित किया गया. मामले में इस साल एक सितंबर को सुनवाई हुई.

(पीटीआई-भाषा)

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