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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा : सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के आरोपों के जवाब में कहा कि वह सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. एक जून को दो डिजिटल मीडिया संस्थानों की एक संयुक्त रिपोर्ट में असम सरकार के बारे में दावा किया गया कि उसने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोविड-19 संबंधित चार आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति के ऑर्डर दिए थे. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा : सरमा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा : सरमा
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Published : Jun 5, 2022, 7:24 AM IST

गुवाहाटी/नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के आरोपों के जवाब में कहा कि वह सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. सिसोदिया ने मीडिया में आई खबरों के हवाले से कहा कि 2020 में कोविड के फर्स्ट वेव के दौरान असम सरकार ने उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को बाजार दरों से अधिक मूल्य पर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे. आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट में किए. उन्होंने कहा कि कोविड के फर्स्ट वेव 2020 के दौरान असम के पास पीपीई किट नहीं थे. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस दिखाया. लगभग 1500 किट लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को दान कर दी. उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया.

  • Stop sermonising and I will see you soon in Guwahati as you will face criminal defamation.

    — Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने जेसीबी इंडस्ट्रीज द्वारा कोविड-19 के दौरान ‘कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी’ के रूप में पीपीई किट प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एचएचएम) के तत्कालीन निदेशक डॉ. लक्ष्मणन से मिला प्रशंसा पत्र भी संलग्न किया. जेसीबी इंडस्ट्रीज में सरमा की पत्नी रिंकी सरमा भुइयां एक साझेदार हैं. सरमा ने कहा कि उपदेश देना बंद करो. मैं आपसे (मनीष सिसोदिया) गुवाहाटी में निपट लूंगा जब आप आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करेंगे.

पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप : इसके बाद मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा जी! यह रहा आपकी पत्नी की जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम 990 रुपये प्रति किट के हिसाब से 5000 किट खरीदने का अनुबंध. बताइए क्या यह कागज झूठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना निविदा जारी किये खरीद का ऑर्डर देना भ्रष्टाचार नहीं है? सिसोदिया ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट खरीदी. उन्होंने कहा कि सरमा ने 'कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए' पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है. सिसोदिया ने खबर के हवाले से कहा कि हालांकि सरमा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकी, एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1,680 रुपये प्रति किट की दर से दिया गया था.

  • माननीय मुख्यमंत्री @himantabiswa जी! यह रहा आपकी पत्नी की JCB इंडस्ट्रीज के नाम 990/- प्रति किट के हिसाब से 5000 किट ख़रीदने का contract… बताइए क्या यह काग़ज़ झूँठा है?

    क्या स्वास्थ्यमंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना टेंडर purchase order देना भ्रष्टाचार नहीं है? https://t.co/qHcZYjfkrv pic.twitter.com/XR5q9V2bTe

    — Manish Sisodia (@msisodia) June 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा पर BJP कब करेगी कार्रवाई, कब भेजेगी जेल? मनीष सिसोदिया

आप नेता का भाजपा से सवाल: ‘आप’ नेता ने पूछा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्य के एक मुख्यमंत्री द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर भाजपा के सदस्य चुप क्यों हैं? सिसोदिया ने कहा कि वे भ्रष्टाचार की बात करते हैं और विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं. मैं भ्रष्टाचार के बारे में उनकी समझ के बारे में जानना चाहता हूं. उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे इसे (असम मामला) भ्रष्टाचार मानते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के 'फर्जी' आरोपों में गिरफ्तार किया और केंद्र ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि वह 'एक आरोपी नहीं' हैं.

गौरतलब है कि ईडी ने 30 मई को धनशोधन मामले में जैन को कई घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. सिसोदिया पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री सरमा ने ट्वीट किया कि हालांकि एनएचएम ने आदेश जारी किया, कंपनी ने कोई बिल नहीं दिया और किट सरकार को उपहार में दी गई. एक पैसे का लेन-देन नहीं हुआ, भ्रष्टाचार कहां है? उन्होंने लिखा कि तब किट की भारी कमी के कारण, आपकी (दिल्ली सरकार) सहित हर सरकार ने पीपीई किट के लिए निविदा नहीं निकाली और सीधी खरीद के लिए चली गई. सभी तथ्यों को रखने का साहस रखें। दस्तावेज का आधा हिस्सा न दिखाएं, सभी तथ्यों को रखने का साहस रखें.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जवाब : सरमा ने सिसोदिया पर उस समय दिल्ली में असम के लोगों की मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया, जब कोविड महामारी चरम पर थी. उन्होंने कहा कि मैं एक उदाहरण नहीं भूल सकता, जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से असम के एक कोविड पीड़ित का शव पाने के लिए सात दिनों तक इंतजार करना पड़ा .... कई बार फोन किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. इससे पूर्व दिन में असम सरकार के प्रवक्ता पीजूष हजारिका ने उन आरोपों का खंडन किया कि मुख्यमंत्री सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार में शामिल था. हजारिका ने कहा कि पीपीई किट की आपूर्ति में कोई घोटाला नहीं हुआ है और मुख्यमंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य कोविड महामारी से संबंधित किसी भी सामग्री की आपूर्ति में शामिल नहीं था.

राज्य के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हजारिका ने भी आए बचाव में : राज्य के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हजारिका ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि आरोप झूठे, काल्पनिक, दुर्भावनापूर्ण हैं और इसे निहित स्वार्थों वाले एक निश्चित वर्ग की करतूत कहा जा सकता है. उस समय असम के स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे हजारिका ने पूछा कि झूठे और निराधार आरोप लगाने के बजाय सबूत के साथ दोनों मीडिया संस्थान (जिन्होंने दावा किया है) अदालत क्यों नहीं जा रहे हैं. एक जून को दो डिजिटल मीडिया संस्थानों की एक संयुक्त रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असम सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोविड-19 संबंधित चार आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति के ऑर्डर दिए थे. विपक्षी दल कांग्रेस, रायजोर दल और असम जातीय परिषद (एजेपी) ने 2020 में पीपीई किट की आपूर्ति में कथित अनियमितताओं की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. भुइयां ने दावा किया कि उन्होंने पीपीई किट की आपूर्ति के लिए 'एक पैसा' भी नहीं लिया.

गुवाहाटी/नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के आरोपों के जवाब में कहा कि वह सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. सिसोदिया ने मीडिया में आई खबरों के हवाले से कहा कि 2020 में कोविड के फर्स्ट वेव के दौरान असम सरकार ने उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को बाजार दरों से अधिक मूल्य पर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे. आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट में किए. उन्होंने कहा कि कोविड के फर्स्ट वेव 2020 के दौरान असम के पास पीपीई किट नहीं थे. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस दिखाया. लगभग 1500 किट लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को दान कर दी. उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया.

  • Stop sermonising and I will see you soon in Guwahati as you will face criminal defamation.

    — Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने जेसीबी इंडस्ट्रीज द्वारा कोविड-19 के दौरान ‘कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी’ के रूप में पीपीई किट प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एचएचएम) के तत्कालीन निदेशक डॉ. लक्ष्मणन से मिला प्रशंसा पत्र भी संलग्न किया. जेसीबी इंडस्ट्रीज में सरमा की पत्नी रिंकी सरमा भुइयां एक साझेदार हैं. सरमा ने कहा कि उपदेश देना बंद करो. मैं आपसे (मनीष सिसोदिया) गुवाहाटी में निपट लूंगा जब आप आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करेंगे.

पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप : इसके बाद मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट किया कि माननीय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा जी! यह रहा आपकी पत्नी की जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम 990 रुपये प्रति किट के हिसाब से 5000 किट खरीदने का अनुबंध. बताइए क्या यह कागज झूठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना निविदा जारी किये खरीद का ऑर्डर देना भ्रष्टाचार नहीं है? सिसोदिया ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट खरीदी. उन्होंने कहा कि सरमा ने 'कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए' पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है. सिसोदिया ने खबर के हवाले से कहा कि हालांकि सरमा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकी, एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1,680 रुपये प्रति किट की दर से दिया गया था.

  • माननीय मुख्यमंत्री @himantabiswa जी! यह रहा आपकी पत्नी की JCB इंडस्ट्रीज के नाम 990/- प्रति किट के हिसाब से 5000 किट ख़रीदने का contract… बताइए क्या यह काग़ज़ झूँठा है?

    क्या स्वास्थ्यमंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना टेंडर purchase order देना भ्रष्टाचार नहीं है? https://t.co/qHcZYjfkrv pic.twitter.com/XR5q9V2bTe

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पढ़ें : असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा पर BJP कब करेगी कार्रवाई, कब भेजेगी जेल? मनीष सिसोदिया

आप नेता का भाजपा से सवाल: ‘आप’ नेता ने पूछा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्य के एक मुख्यमंत्री द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर भाजपा के सदस्य चुप क्यों हैं? सिसोदिया ने कहा कि वे भ्रष्टाचार की बात करते हैं और विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं. मैं भ्रष्टाचार के बारे में उनकी समझ के बारे में जानना चाहता हूं. उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे इसे (असम मामला) भ्रष्टाचार मानते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के 'फर्जी' आरोपों में गिरफ्तार किया और केंद्र ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि वह 'एक आरोपी नहीं' हैं.

गौरतलब है कि ईडी ने 30 मई को धनशोधन मामले में जैन को कई घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. सिसोदिया पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री सरमा ने ट्वीट किया कि हालांकि एनएचएम ने आदेश जारी किया, कंपनी ने कोई बिल नहीं दिया और किट सरकार को उपहार में दी गई. एक पैसे का लेन-देन नहीं हुआ, भ्रष्टाचार कहां है? उन्होंने लिखा कि तब किट की भारी कमी के कारण, आपकी (दिल्ली सरकार) सहित हर सरकार ने पीपीई किट के लिए निविदा नहीं निकाली और सीधी खरीद के लिए चली गई. सभी तथ्यों को रखने का साहस रखें। दस्तावेज का आधा हिस्सा न दिखाएं, सभी तथ्यों को रखने का साहस रखें.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जवाब : सरमा ने सिसोदिया पर उस समय दिल्ली में असम के लोगों की मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया, जब कोविड महामारी चरम पर थी. उन्होंने कहा कि मैं एक उदाहरण नहीं भूल सकता, जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से असम के एक कोविड पीड़ित का शव पाने के लिए सात दिनों तक इंतजार करना पड़ा .... कई बार फोन किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. इससे पूर्व दिन में असम सरकार के प्रवक्ता पीजूष हजारिका ने उन आरोपों का खंडन किया कि मुख्यमंत्री सरमा का परिवार महामारी के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार में शामिल था. हजारिका ने कहा कि पीपीई किट की आपूर्ति में कोई घोटाला नहीं हुआ है और मुख्यमंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य कोविड महामारी से संबंधित किसी भी सामग्री की आपूर्ति में शामिल नहीं था.

राज्य के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हजारिका ने भी आए बचाव में : राज्य के जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हजारिका ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि आरोप झूठे, काल्पनिक, दुर्भावनापूर्ण हैं और इसे निहित स्वार्थों वाले एक निश्चित वर्ग की करतूत कहा जा सकता है. उस समय असम के स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे हजारिका ने पूछा कि झूठे और निराधार आरोप लगाने के बजाय सबूत के साथ दोनों मीडिया संस्थान (जिन्होंने दावा किया है) अदालत क्यों नहीं जा रहे हैं. एक जून को दो डिजिटल मीडिया संस्थानों की एक संयुक्त रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असम सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोविड-19 संबंधित चार आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति के ऑर्डर दिए थे. विपक्षी दल कांग्रेस, रायजोर दल और असम जातीय परिषद (एजेपी) ने 2020 में पीपीई किट की आपूर्ति में कथित अनियमितताओं की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. भुइयां ने दावा किया कि उन्होंने पीपीई किट की आपूर्ति के लिए 'एक पैसा' भी नहीं लिया.

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