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अतिक्रमणकारियों का सफाया करना चाहते हैं, लेकिन बातचीत के बाद: सरमा

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Published : Oct 29, 2021, 6:55 PM IST

असम के लुमडिंग रिजर्व वन्य क्षेत्र से स्वयं चले जाने के लिए लोगों से सरकार बात करेगी. असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शुक्रवार को कही. उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को खुद से जाने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है.

सरमा
सरमा

गुवाहाटी : असम के दरांग में बेदखली अभियान के दौरान खूनी संघर्ष के बीच असम के मुख्यमंत्री (Assam CM) हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य लुमडिंग रिजर्व वन्य क्षेत्र से कथित अतिक्रमणकारियों का सफाया करना चाहता है, लेकिन सरकार ने लोगों को खुद से जाने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है.

पिछले महीने दरांग जिले के गोरुखुटी के ढालपुर गांवों में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को बाहर करने के विवादास्पद अभियान में पुलिस की गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 24 लोग घायल हो गए थे.

सरमा ने कहा कि गोरुखुटी के बाद, हमें लुमडिंग जंगल को साफ करने की जरूरत है, लेकिन हम सौहार्दपूर्ण ढंग से बात कर रहे हैं. ताकि यह एक उचित चर्चा के माध्यम से हो सके. मैंने अधिकांश अल्पसंख्यक नेताओं से मुलाकात की और उनसे कहा कि अगर पुलिस अंदर जाती है और छोटी सी घटना भी होती है, तो लोग इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेंगे.

पढ़ें : असम : अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो की मौत, न्यायिक जांच की घोषणा

उन्होंने लुमडिंग रिजर्व जंगल के अंदर रहने वाले लोगों से अपील की कि वे इस जगह से खुद ही चले जाए और उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि लगभग 150 परिवार पहले ही जंगल छोड़ चुके हैं.

सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माननीय गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Guwahati HC) ने बेदखली का आदेश पारित किया है. इसलिए, मैं विभिन्न अल्पसंख्यक छात्र संगठनों से मिला. मैंने उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में बताया है, और (उनसे कहा) कृपया इसे लोगों को समझाएं. उन्होंने कहा कि जो लोग भूमिहीन हैं, वे अपनी सहायता के लिए उस जिले के उपायुक्त को आवेदन कर सकते हैं, जहां वे मूल रूप से रहते थे.

सरमा ने दावा किया कि हमें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना है, लेकिन बेदखली से पहले, मैं लोगों से मिल रहा हूं. हमें पता चला कि वे जंगल में एक विशाल क्षेत्र के अंदर अदरक की खेती के लिए आए थे और उन्हें तीन-चार बड़े व्यापारियों का समर्थन प्राप्त था. हमें अब इन तथ्यों का पता चल रहा है.

जब उनसे गोरुखुटी में बेदखली के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह ज्यादातर पूरा हो चुका है और कुछ ही घर बचे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संबंधित लोगों को खुद ही जाने की सलाह दे रहे हैं. मुझे लगता है कि वे अब जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम के दरांग में बेदखली अभियान के दौरान खूनी संघर्ष के बीच असम के मुख्यमंत्री (Assam CM) हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य लुमडिंग रिजर्व वन्य क्षेत्र से कथित अतिक्रमणकारियों का सफाया करना चाहता है, लेकिन सरकार ने लोगों को खुद से जाने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है.

पिछले महीने दरांग जिले के गोरुखुटी के ढालपुर गांवों में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को बाहर करने के विवादास्पद अभियान में पुलिस की गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 24 लोग घायल हो गए थे.

सरमा ने कहा कि गोरुखुटी के बाद, हमें लुमडिंग जंगल को साफ करने की जरूरत है, लेकिन हम सौहार्दपूर्ण ढंग से बात कर रहे हैं. ताकि यह एक उचित चर्चा के माध्यम से हो सके. मैंने अधिकांश अल्पसंख्यक नेताओं से मुलाकात की और उनसे कहा कि अगर पुलिस अंदर जाती है और छोटी सी घटना भी होती है, तो लोग इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेंगे.

पढ़ें : असम : अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो की मौत, न्यायिक जांच की घोषणा

उन्होंने लुमडिंग रिजर्व जंगल के अंदर रहने वाले लोगों से अपील की कि वे इस जगह से खुद ही चले जाए और उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि लगभग 150 परिवार पहले ही जंगल छोड़ चुके हैं.

सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माननीय गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Guwahati HC) ने बेदखली का आदेश पारित किया है. इसलिए, मैं विभिन्न अल्पसंख्यक छात्र संगठनों से मिला. मैंने उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में बताया है, और (उनसे कहा) कृपया इसे लोगों को समझाएं. उन्होंने कहा कि जो लोग भूमिहीन हैं, वे अपनी सहायता के लिए उस जिले के उपायुक्त को आवेदन कर सकते हैं, जहां वे मूल रूप से रहते थे.

सरमा ने दावा किया कि हमें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना है, लेकिन बेदखली से पहले, मैं लोगों से मिल रहा हूं. हमें पता चला कि वे जंगल में एक विशाल क्षेत्र के अंदर अदरक की खेती के लिए आए थे और उन्हें तीन-चार बड़े व्यापारियों का समर्थन प्राप्त था. हमें अब इन तथ्यों का पता चल रहा है.

जब उनसे गोरुखुटी में बेदखली के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह ज्यादातर पूरा हो चुका है और कुछ ही घर बचे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संबंधित लोगों को खुद ही जाने की सलाह दे रहे हैं. मुझे लगता है कि वे अब जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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