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असम कैबिनेट में 9 जून को होगा विस्तार

असम मुख्यमंत्री कैबिनट में 9 जून को विस्तार करने वाले हैं. इसपर अटकलें लगाए जा रही हैं कि मंत्रिमंडल में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट से भी एक सदस्य को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. वहीं अच्छा प्रदर्शन न करने वाले मंत्रियों को हटाने के भी संकेत दिए गए हैं.

Assam cabinet expand June 9
असम कैबिनेट 9 जून को विस्तार
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Published : Jun 3, 2022, 10:52 PM IST

गुवाहटी: असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 9 जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की घोषणा की है. पिछले साल मई में मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार होगा. असम कैबिनेट में 19 सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान हैं, लेकिन फिलहाल मंत्रिमंडल में सिर्फ 13 मंत्री हैं और छह पद खाली हैं. असम के मुख्यमंत्री ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) चुनावों के आगामी चुनावों के लिए प्रचार करते हुए घोषणा की कि असम के तीन पहाड़ी जिलों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को 9 जून को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसी विधायक के नाम का खुलासा नहीं किया. हालांकि, मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों सहित राजनीतिक दलों को रोमांचित कर दिया है. असम में वर्तमान 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल में भाजपा के 10 सदस्य हैं, जबकि असम गण परिषद (एजीपी) के 2 और गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) का 1 सदस्य है. जहां केशव महंत और अतुल बोरा असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में एजीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं यूपीपीएल के उरखाओ गवरा ब्रह्मा ऐसे तीसरे सदस्य हैं जो भाजपा के नहीं हैं.

इसके बाद गठबंधन सहयोगी एजीपी और यूपीपीएल ने अपने प्रतिनिधियों को कैबिनेट में शामिल करने के लिए पैरवी करना शुरू कर दिया है. वहीं कहा जा रहा है कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (जिसने हाल ही में भाजपा को समर्थन दिया था) से भी एक सदस्य को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. भाजपा के इन उम्मीदवारों में रूपेश गोवाला, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जयंत मल्ला बरुआ, सुशांत बोरगोहेन आदि के नाम चर्चा में हैं.

यह भी पढ़ें-बिहार में अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराएगी नीतीश सरकार, कैबिनेट से प्रस्ताव पास

हालांकि, यह देखने के लिए 9 जून तक इंतजार करना होगा कि अंतिम सूची में कौन जगह बना पाता है. इसपर असम में भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य ने के कहा कि, 'कैबिनेट विस्तार पाइपलाइन में है. चूंकि यह अकेले मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, इसलिए यह कह पाना मुश्किल है कि सूची में कौन होगा. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि मुख्यमंत्री, अच्छा प्रदर्शन न करने वाले मंत्रियों को हटा भी सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार, निश्चित तौर पर कैबिनेट में कुछ नए चेहरे होंगे.

गुवाहटी: असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 9 जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की घोषणा की है. पिछले साल मई में मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार होगा. असम कैबिनेट में 19 सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान हैं, लेकिन फिलहाल मंत्रिमंडल में सिर्फ 13 मंत्री हैं और छह पद खाली हैं. असम के मुख्यमंत्री ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) चुनावों के आगामी चुनावों के लिए प्रचार करते हुए घोषणा की कि असम के तीन पहाड़ी जिलों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को 9 जून को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसी विधायक के नाम का खुलासा नहीं किया. हालांकि, मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों सहित राजनीतिक दलों को रोमांचित कर दिया है. असम में वर्तमान 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल में भाजपा के 10 सदस्य हैं, जबकि असम गण परिषद (एजीपी) के 2 और गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) का 1 सदस्य है. जहां केशव महंत और अतुल बोरा असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में एजीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं यूपीपीएल के उरखाओ गवरा ब्रह्मा ऐसे तीसरे सदस्य हैं जो भाजपा के नहीं हैं.

इसके बाद गठबंधन सहयोगी एजीपी और यूपीपीएल ने अपने प्रतिनिधियों को कैबिनेट में शामिल करने के लिए पैरवी करना शुरू कर दिया है. वहीं कहा जा रहा है कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (जिसने हाल ही में भाजपा को समर्थन दिया था) से भी एक सदस्य को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. भाजपा के इन उम्मीदवारों में रूपेश गोवाला, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जयंत मल्ला बरुआ, सुशांत बोरगोहेन आदि के नाम चर्चा में हैं.

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हालांकि, यह देखने के लिए 9 जून तक इंतजार करना होगा कि अंतिम सूची में कौन जगह बना पाता है. इसपर असम में भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य ने के कहा कि, 'कैबिनेट विस्तार पाइपलाइन में है. चूंकि यह अकेले मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, इसलिए यह कह पाना मुश्किल है कि सूची में कौन होगा. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि मुख्यमंत्री, अच्छा प्रदर्शन न करने वाले मंत्रियों को हटा भी सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार, निश्चित तौर पर कैबिनेट में कुछ नए चेहरे होंगे.

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