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BORDER TALKS: सीमा मुद्दों पर चर्चा के लिए असम, अरुणाचल के मंत्रियों की बैठक

असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवादों के निपटान को लेकर दोनों प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई. इसमें समस्या का स्थायी हल निकालने को लेकर विचार- विमर्श किया गया.

Assam, Arunachal ministers meet to discuss border issues
सीमा मुद्दों पर चर्चा के लिए असम, अरुणाचल के मंत्रियों की बैठक
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Published : Mar 27, 2023, 9:53 AM IST

गुवाहाटी: असम और अरुणाचल प्रदेश के मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों ने दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा विवाद पर चर्चा के लिए यहां एक बैठक में हिस्सा लिया. राज्य के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले असम के मंत्रियों ने रविवार को कहा कि बैठक में लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान जल्द खोजने पर विचार-विमर्श किया गया.

असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने ट्वीट किया, 'असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में आयोजित असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा क्षेत्रीय समिति की बैठक में भाग लिया. हमने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का स्थायी समाधान खोजने पर विचार-विमर्श किया.' बैठक की अध्यक्षता पेगू के कैबिनेट सहयोगी जयंत मल्ला बरुआ और अरुणाचल प्रदेश के मंत्री तुमके बागरा ने संयुक्त रूप से की. इस दौरान विधायक भी इसमें शामल रहे.

बरुआ ने ट्वीट कर कहा कि सीमा विवाद मुद्दे पर 5 घंटे तक बैठक हुई. असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में क्षेत्रीय समिति की बैठक हुई. गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम सौहार्दपूर्ण शर्तों पर बहुत जल्द एक उचित समाधान खोजने के लिए आशान्वित हैं.' दोनों राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके अरुणाचल समकक्ष पेमा खांडू के साथ पिछले साल 15 जुलाई को नमसाई घोषणा पर हस्ताक्षर करने के साथ सीमा विवादों को हल करने के लिए चर्चा में लगे हुए हैं, जिसमें उन्होंने जल्द ही समाधान खोजने का संकल्प लिया था.

ये भी पढ़ें- Arunachal Pradesh: असम-अरुणाचल सीमा विवाद के अगले वर्ष तक सुलझने की उम्मीद: अमित शाह

दोनों राज्यों के बीच 123 गांवों को लेकर विवाद था जिसे सुलझाने के बाद 86 गांव अब भी विवादित है. वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद, एक त्रिपक्षीय समिति नियुक्त की गई. इसमें कहा गया था कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल में स्थानांतरित कर दिया जाए. असम ने इसका विरोध किया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया.

गुवाहाटी: असम और अरुणाचल प्रदेश के मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों ने दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा विवाद पर चर्चा के लिए यहां एक बैठक में हिस्सा लिया. राज्य के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले असम के मंत्रियों ने रविवार को कहा कि बैठक में लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान जल्द खोजने पर विचार-विमर्श किया गया.

असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने ट्वीट किया, 'असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में आयोजित असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा क्षेत्रीय समिति की बैठक में भाग लिया. हमने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का स्थायी समाधान खोजने पर विचार-विमर्श किया.' बैठक की अध्यक्षता पेगू के कैबिनेट सहयोगी जयंत मल्ला बरुआ और अरुणाचल प्रदेश के मंत्री तुमके बागरा ने संयुक्त रूप से की. इस दौरान विधायक भी इसमें शामल रहे.

बरुआ ने ट्वीट कर कहा कि सीमा विवाद मुद्दे पर 5 घंटे तक बैठक हुई. असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में क्षेत्रीय समिति की बैठक हुई. गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम सौहार्दपूर्ण शर्तों पर बहुत जल्द एक उचित समाधान खोजने के लिए आशान्वित हैं.' दोनों राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके अरुणाचल समकक्ष पेमा खांडू के साथ पिछले साल 15 जुलाई को नमसाई घोषणा पर हस्ताक्षर करने के साथ सीमा विवादों को हल करने के लिए चर्चा में लगे हुए हैं, जिसमें उन्होंने जल्द ही समाधान खोजने का संकल्प लिया था.

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दोनों राज्यों के बीच 123 गांवों को लेकर विवाद था जिसे सुलझाने के बाद 86 गांव अब भी विवादित है. वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद, एक त्रिपक्षीय समिति नियुक्त की गई. इसमें कहा गया था कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल में स्थानांतरित कर दिया जाए. असम ने इसका विरोध किया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया.

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