वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सोमवार के एएसआई सर्वे की कार्रवाई पूरी कर ली गई. कल 15 अगस्त को सर्वे नहीं किया जाएगा. 16 अगस्त को सुबह 8 बजे से फिर से सर्व शुरू होगा. आज की कार्रवाई में कानपुर आईआईटी की टीम के साथ ही एएसआई टीम ने अलग-अलग स्थान पर सर्वे किया. जीपीआर तकनीक के लिए मशीनों के इंस्टॉलेशन के साथ ही अन्य मशीनों का प्रयोग करते हुए 3D मैपिंग का काम पूरा किया गया है. एक टीम अपनी रिपोर्ट बनाने का काम कर रही है. वहीं सावन का सोमवार होने के कारण भीड़ काफी अधिक थी. 10:30 बजे जब आगरा, पटना और कोलकाता समेत आईआईटी की टीम पहुंची तब जाकर सर्वे की कार्रवाई शुरू हो सकी. दोपहर 12:30 बजे सर्वे रोक दिया गया. इसके बाद दोपहर 2:30 बजे के बाद फिर से सर्वे शुरू हुआ. शाम तक सोमवार की कार्रवाई पूरी कर ली गई.
बता दें कि कल कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने ज्ञानवापी परिसर की बाहरी दीवार के साथ ही तहखाने और अन्य जगहों की जांच की. वहीं कानपुर से आई आईआईटी एक्सपर्ट टीम ने रडार तकनीक का प्रयोग करने के लिए नाप करते हुए मशीन को इंस्टॉल किया. माना जा रहा है कि आज कुछ हिस्सों में रडार तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. वहीं, टीम के सदस्यों के द्वारा तहखाना और ऊपरी हिस्से की जांच लगातार की जा रही है. पश्चिमी दीवार पर विशेष फोकस रखा गया है.
कल 15 अगस्त की वजह से एएसआई के साथ दोनों पक्षों ने बातचीत करते हुए सर्वे की कार्यवाही न करने की बात कही है.ज्ञानवापी का सर्वे कर रही एएसआई टीम ने रविवार को परिसर के बाहरी हिस्से लेकर तहखाने तक की जांच की. अदालत के आदेश पर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी कराने के साथ दस्तावेज भी तैयार करने का काम अब टीम कर रही है. एएसआई के विशेषज्ञ पांच ग्रुपों में बंटकर पूरे परिसर की जांच की कर रहे हैं. एक दल साक्ष्यों सबूतों को देखते हुए उसकी नाप कर रहा है तो दूसरा दल उनकी ड्राइंग तैयार कर रहा है. तीसरा दल वहां पत्थरों व अन्य चीजों की आयु तय कर रहा है. चौथा दल मशीनों के जरिए उनकी विशेषताओं का पता लगा रहा है जबकि पांचवा दल स्थानों को विशेषज्ञों की जांच के लिए तैयार कर रहा है. सर्वे के लिए परिसर को अलग- अलग हिस्सों में बांट दिया गया है.
सर्वे टीम तहखाने, मुख्य हॉल और पश्चिमी दीवार के साथ ही गुंबद की जांच करने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर रही है. वहीं, ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग के पूजा- पाठ की अनुमति देने को लेकर दो मामलों की सुनवाई सोमवार को होगी. शैलेंद्र योगीराज की ओर से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए पूजा- अर्चना, राज-भोग की मांग को लेकर दारवाद को की सुनवाई सिविल जज, सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक की अदालत में होगी. जवाब दाखिल करने के लिए मस्जिद पक्ष के वकील को वाद की प्रति दी गई है.दो अगस्त को शैलेंद्र योगीराज की ओर से उनके वकील डॉ. एसके द्विवेदी व भूपेंद्र सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) शिखा यादव की कोर्ट में वाद दाखिल किया था.
वहीं, स्वामी अविमुक्तेश्वर भगवान की और से हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व अजीत सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फैस्ट ट्रैक कोर्ट में होगी. इसमें ज्ञानवपी परिसर में मिले शिवलिंग के नियमित दर्शन-पूजन की मांग की गई है.
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