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Lakhimpur Kheri Violence : केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को मिली बेल

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Published : Feb 10, 2022, 1:32 PM IST

Updated : Feb 10, 2022, 4:43 PM IST

Ashish Mishra
आशीष मिश्रा
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत

13:28 February 10

Lakhimpur Kheri Violence Case : केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत

लखनऊ: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे (Union Minister Ajay Mishra Teni's son ) और तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध के बाद लखीमपुर में चार किसानों की हत्या (Killing Of Four Protesting Farmers In Lakhimpur Kheri) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Aashish Mishra) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ (Lucknow bench of Allahabad High Court) ने जमानत दे दी है.

उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जमानत मिलना एक साजिश का नतीजा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या शहीद हुए किसानों को न्याय मिल गया.

घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछले साल नौ अक्टूबर को मिश्रा को गिरफ्तार किया था. डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनकी गिरफ्तारी के समय संवाददाताओं से कहा था कि आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और उसने कुछ सवालों के जवाब नहीं दिए.

घटना को लेकर उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ तब तक कार्रवाई नहीं की जब तक कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को उठाने का फैसला नहीं किया. शीर्ष अदालत द्वारा मामले में की गई कार्रवाई पर यूपी सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करने के एक दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हुई.

पढ़ें: SIT ने लखीमपुर कांड को बताया साजिश, BKU ने मांगा केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा और गिरफ्तारी

दूसरी बार तलब किए जाने पर आशीष मिश्रा पूछताछ के लिए आए और 12 घंटे के पूछताछ के बाद डीआईजी अग्रवाल के नेतृत्व में नौ सदस्यीय एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. घटना में मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें तेज रफ्तार एसयूवी आशीष मिश्रा की टक्कर से कुचल दिया गया था. घटना को कवर करने वाले एक पत्रकार की भी घटना में मौत हो गई.

जवाबी हिंसा में भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए. लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने कहा है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या की सुनियोजित साजिश थी.

पढ़ें: लखीमपुर खीरी कांड का हुआ सीन रिक्रिएशन, घटनास्थल पर मौजूद जांच एजेंसियां

गौरतलब है कि लखीमपुर के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई किसानों की मौत में आशीष मिश्र आरोपित हैं. पुलिस ने गुरुवार को उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक हाजिर होने को कहा था, लेकिन वह नहीं आए थे. शुक्रवार को पुलिस ने दोबारा समन चस्पा कर शनिवार दिन में 11 बजे पेश होने को कहा था.

पढ़ें: लखीमपुर हिंसा में मामले में चार्जशीट दाखिल, गृह राज्यमंत्री का बेटा आशीष मुख्य आरोपी

लेकिन, इससे 20 मिनट पहले ही वह मुंह पर रुमाल बांधकर नीले रंग की स्कूटी से क्राइम ब्रांच के आफिस में जा पहुंचे. वहां विशेष जांच टीम (एसआइटी) के मुखिया पुलिस हेडक्वार्टर के डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनसे एक के बाद एक कई सवाल पूछे. जांच टीम ने अपने सवालों की सूची पहले से ही तैयार कर रखी थी. कुछ सवाल आशीष द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के बाबत भी पूछे गए.

पढ़ें: लखीमपुर हिंसा मामला: आरोपी आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपियों पर बढ़ाई गईं धाराएं

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत

13:28 February 10

Lakhimpur Kheri Violence Case : केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत

लखनऊ: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे (Union Minister Ajay Mishra Teni's son ) और तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध के बाद लखीमपुर में चार किसानों की हत्या (Killing Of Four Protesting Farmers In Lakhimpur Kheri) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Aashish Mishra) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ (Lucknow bench of Allahabad High Court) ने जमानत दे दी है.

उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जमानत मिलना एक साजिश का नतीजा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या शहीद हुए किसानों को न्याय मिल गया.

घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछले साल नौ अक्टूबर को मिश्रा को गिरफ्तार किया था. डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनकी गिरफ्तारी के समय संवाददाताओं से कहा था कि आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और उसने कुछ सवालों के जवाब नहीं दिए.

घटना को लेकर उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ तब तक कार्रवाई नहीं की जब तक कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को उठाने का फैसला नहीं किया. शीर्ष अदालत द्वारा मामले में की गई कार्रवाई पर यूपी सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करने के एक दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हुई.

पढ़ें: SIT ने लखीमपुर कांड को बताया साजिश, BKU ने मांगा केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा और गिरफ्तारी

दूसरी बार तलब किए जाने पर आशीष मिश्रा पूछताछ के लिए आए और 12 घंटे के पूछताछ के बाद डीआईजी अग्रवाल के नेतृत्व में नौ सदस्यीय एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. घटना में मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें तेज रफ्तार एसयूवी आशीष मिश्रा की टक्कर से कुचल दिया गया था. घटना को कवर करने वाले एक पत्रकार की भी घटना में मौत हो गई.

जवाबी हिंसा में भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए. लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने कहा है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या की सुनियोजित साजिश थी.

पढ़ें: लखीमपुर खीरी कांड का हुआ सीन रिक्रिएशन, घटनास्थल पर मौजूद जांच एजेंसियां

गौरतलब है कि लखीमपुर के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई किसानों की मौत में आशीष मिश्र आरोपित हैं. पुलिस ने गुरुवार को उनके आवास पर नोटिस चस्पा कर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक हाजिर होने को कहा था, लेकिन वह नहीं आए थे. शुक्रवार को पुलिस ने दोबारा समन चस्पा कर शनिवार दिन में 11 बजे पेश होने को कहा था.

पढ़ें: लखीमपुर हिंसा में मामले में चार्जशीट दाखिल, गृह राज्यमंत्री का बेटा आशीष मुख्य आरोपी

लेकिन, इससे 20 मिनट पहले ही वह मुंह पर रुमाल बांधकर नीले रंग की स्कूटी से क्राइम ब्रांच के आफिस में जा पहुंचे. वहां विशेष जांच टीम (एसआइटी) के मुखिया पुलिस हेडक्वार्टर के डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनसे एक के बाद एक कई सवाल पूछे. जांच टीम ने अपने सवालों की सूची पहले से ही तैयार कर रखी थी. कुछ सवाल आशीष द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के बाबत भी पूछे गए.

पढ़ें: लखीमपुर हिंसा मामला: आरोपी आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपियों पर बढ़ाई गईं धाराएं

Last Updated : Feb 10, 2022, 4:43 PM IST
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