ETV Bharat / bharat

हरिद्वार के सती घाट पर 9,216 लावारिस लोगों की अस्थियां विसर्जित - हरिद्वार लेटेस्ट न्यूज

श्री देवोत्थान सेवा समिति और पुण्यदायी अभियान सेवा सामिति ने हरिद्वार के सती घाट पर 9,216 लावारिस लोगों की अस्थियां विसर्जित कीं. इन अस्थियों में ज्यादातर अस्थियां उन लोगों की थीं, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई थीं.

haridwar
haridwar
author img

By

Published : Sep 25, 2021, 9:15 PM IST

हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार में आज 9,216 अस्थियां एक साथ गंगा में प्रवाहित की गईं. सामाजिक संगठन देवोत्थान सेवा समिति से जुड़े लोग वैसे तो 19 सालों से लगातार देशभर से इकट्ठा करके हजारों लावारिस अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करते चले आ रहे हैं. लेकिन इस बार खास बात ये है कि इन अस्थियों में ज्यादातर अस्थियां उन लोगों की थीं, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई थीं.

देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि विशेष तौर पर कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली के घाटों से अस्थियां उठाकर वो हरिद्वार लाये हैं. पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियों को सती घाट पर गंगा में प्रवाहित किया. वहीं, इस संगठन से 25 छात्र भी जुड़े हैं, जो अस्थियों को इकट्ठा करने का काम करते हैं. साल 2003 में उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी. अब तक समिति लगभग 15,100 अस्थियां को गंगा में प्रवाहित कर चुकी है.

लावारिस लोगों की अस्थियां विसर्जित

पढ़ें- केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल के दर्शन जल्द कर सकेंगे श्रद्धालु

देवोत्थान सेवा समिति के साथ इस बार हरिद्वार की पुण्यदायी अभियान सेवा समिति से जुड़े लोगों ने भी अस्थियों का विसर्जन करने में मदद की है. संस्था के अध्यक्ष सतेंद्र चौधरी ने बताया कि आगे भी उनका ये अभियान जारी रहेगा. पुण्यदायी अभियान सेवा सामिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. विशाल गर्ग ने ये काम करने वाले लोगों को भगीरथ की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि जो पुण्य आत्माओं को मोक्ष दिलाने का काम कर रहे हैं, वो किसी राजा भगीरथ से कम नहीं है.

हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार में आज 9,216 अस्थियां एक साथ गंगा में प्रवाहित की गईं. सामाजिक संगठन देवोत्थान सेवा समिति से जुड़े लोग वैसे तो 19 सालों से लगातार देशभर से इकट्ठा करके हजारों लावारिस अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करते चले आ रहे हैं. लेकिन इस बार खास बात ये है कि इन अस्थियों में ज्यादातर अस्थियां उन लोगों की थीं, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई थीं.

देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि विशेष तौर पर कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली के घाटों से अस्थियां उठाकर वो हरिद्वार लाये हैं. पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियों को सती घाट पर गंगा में प्रवाहित किया. वहीं, इस संगठन से 25 छात्र भी जुड़े हैं, जो अस्थियों को इकट्ठा करने का काम करते हैं. साल 2003 में उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी. अब तक समिति लगभग 15,100 अस्थियां को गंगा में प्रवाहित कर चुकी है.

लावारिस लोगों की अस्थियां विसर्जित

पढ़ें- केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल के दर्शन जल्द कर सकेंगे श्रद्धालु

देवोत्थान सेवा समिति के साथ इस बार हरिद्वार की पुण्यदायी अभियान सेवा समिति से जुड़े लोगों ने भी अस्थियों का विसर्जन करने में मदद की है. संस्था के अध्यक्ष सतेंद्र चौधरी ने बताया कि आगे भी उनका ये अभियान जारी रहेगा. पुण्यदायी अभियान सेवा सामिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. विशाल गर्ग ने ये काम करने वाले लोगों को भगीरथ की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि जो पुण्य आत्माओं को मोक्ष दिलाने का काम कर रहे हैं, वो किसी राजा भगीरथ से कम नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.