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24 जुलाई को है आषाढ़ चौमासी चौदस, बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें सब कुछ

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा (Ashadh Guru Purnima) का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 24 जुलाई दिन शनिवार को आषाढ़ चौमासी चौदस और गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. महत्वपूर्ण यह है कि इस सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो शुभाशुभ फल देने वाला है. जानें गुरु पूर्णिमा का क्या महत्व है और शुभ मुहूर्त कब बन रहा है.

Ashadh
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Published : Jul 23, 2021, 7:10 AM IST

Updated : Jul 23, 2021, 10:09 AM IST

हैदराबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा होती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ चौमासी चौदस और गुरु पूर्णिमा (Ashadh Guru Purnima) होती है जिस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु का वास जल में होता है जिसकी वजह से पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान, दान और भगवान विष्णु और शिव-पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है.

क्यों कहते हैं गुरु पूर्णिमा

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया और सभी पुराणों की रचना की थी. महर्षि वेदव्यास के योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही भक्त भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और प्रभु का स्मरण व कथा पाठ किया जाता है.

हिंदू धर्म में गुरु की महिमा बताते हुए कहा गया है कि गुरु का स्थान भगवान से ऊंचा होता है. हिंदू धर्म में आषाढ़ चौमासी चौदस पूर्णिमा का विशेष स्थान होता है लेकिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा का सर्वोच्च स्थान है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई 2021 मनाया जाएगा.

आषाढ़ गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से हो रहा है. जबकि इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर होगा. चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि ही मान्य होती है इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई दिन शनिवार को है. 24 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. यह विशेष कार्यों की सि​द्धि के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है.

यह भी पढ़ें-Horoscope today 23 July 2021 राशिफल : मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, कुम्भ, मीन राशि वालों के साथ है भाग्य

पूर्णिमा के यह कभी न करें

गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर घर को गंदा नहीं रखना चाहिए. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी को भी कठोर बचन नहीं बोलना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के पावन दिन किसी स्त्री या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. आषाढ़ गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

हैदराबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा होती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ चौमासी चौदस और गुरु पूर्णिमा (Ashadh Guru Purnima) होती है जिस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु का वास जल में होता है जिसकी वजह से पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान, दान और भगवान विष्णु और शिव-पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है.

क्यों कहते हैं गुरु पूर्णिमा

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया और सभी पुराणों की रचना की थी. महर्षि वेदव्यास के योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही भक्त भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और प्रभु का स्मरण व कथा पाठ किया जाता है.

हिंदू धर्म में गुरु की महिमा बताते हुए कहा गया है कि गुरु का स्थान भगवान से ऊंचा होता है. हिंदू धर्म में आषाढ़ चौमासी चौदस पूर्णिमा का विशेष स्थान होता है लेकिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा का सर्वोच्च स्थान है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई 2021 मनाया जाएगा.

आषाढ़ गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से हो रहा है. जबकि इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर होगा. चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि ही मान्य होती है इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई दिन शनिवार को है. 24 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. यह विशेष कार्यों की सि​द्धि के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है.

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पूर्णिमा के यह कभी न करें

गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर घर को गंदा नहीं रखना चाहिए. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी को भी कठोर बचन नहीं बोलना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के पावन दिन किसी स्त्री या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. आषाढ़ गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

Last Updated : Jul 23, 2021, 10:09 AM IST
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