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Arundhati Roy: '2024 में BJP को सत्ता से हटाने के लिए लोग बिहार की तरफ देख रहे हैं' - ETV Bharat Bihar

Patna News अपनी बातों को बेवाकी से रखने वाली प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय ने कहा है कि जिस प्रकार से बिहार में बीजेपी को झटका दिया गया. ऐसे में देश में रहने वाले दूसरे लोग इस प्रदेश पर नजर बनाए हुए हैं कि 2024 में यहां क्या होता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Arundhati Roy
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Published : Feb 17, 2023, 5:41 PM IST

अरुंधति राय के साथ खास बातचीत.

पटना : पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में भाकपा माले का 11 वां अधिवेशन चल रहा है. इस अधिवेशन में शामिल होने के लिए प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय भी पहुंची. अधिवेशन में शिरकत करने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में अरुंधति राय ने कहा कि 2024 को लेकर बिहार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 2024 में विपक्षी एकता की बिहार से जो कवायद शुरू की जा रही है वह सफल साबित होगा.

ये भी पढ़ें - अरुंधति के विवादित बोल, कहा- एनपीआर के लिए कोई नाम पूछे तो रंगा-बिल्ला बताएं

''सभी को उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार का बहुत अहम रोल होने वाला है. हाल ही में बिहार में बीजेपी को एक बहुत बड़ा धक्का मिला है लेकिन हमें यह नहीं पता कि यह धक्का लोकसभा तक चलेगा या सिर्फ कुछ दिनों के लिए है. बीजेपी को केंद्र सरकार की सत्ता से हटाने के लिए बहुत लोग बिहार की तरफ नजरें गड़ाए हुए हैं.''- अरुंधति राय, लेखिका

'देश को दो लोग बेच रहे हैं.. दो लोग खरीद रहे हैं' : अरुंधति राय ने कहा कि देश को सिर्फ चार लोग चला रहे हैं, चारों गुजराती हैं. दो लोग बेचने का काम करते हैं दो लोग खरीदने का काम करते हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अंबानी और अडानी यही पूरे भारत को चला रहे हैं. इसके आंकड़े भी हैं कि देश के 21 लोगों के पास इतना पैसा है जितना देश के 30 करोड़ लोगों के पास नहीं है. अडानी को ही देखिए तो कितने सारे गोदाम चलाते हैं पोर्ट चलाते हैं.

समझदार अलायंस की जरूरत : भाकपा माले की ओर से वाम दलों की एकजुटता को लेकर शुरू किए गए पहल पर अरुंधति राय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह पहल 2024 लोकसभा चुनाव में असर डाल पाएगा और उसी लिए वह यहां पहुंची हुई है. वह बहुत खुशी से लंबे और वर्षों बाद बिहार इसलिए भी आई है क्योंकि उन्हें बताया गया कि कल 18 फरवरी को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भी यहां कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की जो एकजुटता हो रही है वह उम्मीद करती है कि यह सिर्फ एक शिनिकल अलायंस ना हो बल्कि समझदार अलायंस हो.

''बहुत लोग पूंजीवाद के बारे में अच्छे से नहीं जानते हैं. वहीं अगर वामदलों की बात करें तो कई वामदल ऐसे हैं, जो जातिगत व्यवस्था के बारे में अधिक नहीं जानते हैं. जो जाति के खिलाफ लड़ते हैं वह जब तक पूंजीवाद नहीं समझेंगे और जो पूंजीवाद के खिलाफ लड़ते हैं वह जातिवाद नहीं समझेंगे तब तक सारी लड़ाइयां एक जगह आकर सीमित हो जाएंगी और उसके ऊपर चढ़कर फासीवाद हावी हो जाएगी.''- अरुंधति राय, लेखिका

लालू यादव बड़ा फैक्टर : ऑफ कैमरा अरुंधति राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने में विपक्ष में सबसे बड़ा चेहरा लालू यादव हैं. लालू यादव इलाज करा कर देश में लौट आए हैं और उनके तबीयत में सुधार हो रहा है. ऐसे में 2024 के लिए विपक्षी एकजुटता के लिए लालू यादव बड़ा फैक्टर होंगे. आरक्षण के सवाल पर अरुंधति राय ने कहा कि पिछड़ों को पहले से आरक्षण में हिस्सेदारी कम थी और इससे उन्हें और नुकसान हुआ है.

अरुंधति राय के साथ खास बातचीत.

पटना : पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में भाकपा माले का 11 वां अधिवेशन चल रहा है. इस अधिवेशन में शामिल होने के लिए प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय भी पहुंची. अधिवेशन में शिरकत करने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में अरुंधति राय ने कहा कि 2024 को लेकर बिहार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 2024 में विपक्षी एकता की बिहार से जो कवायद शुरू की जा रही है वह सफल साबित होगा.

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''सभी को उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार का बहुत अहम रोल होने वाला है. हाल ही में बिहार में बीजेपी को एक बहुत बड़ा धक्का मिला है लेकिन हमें यह नहीं पता कि यह धक्का लोकसभा तक चलेगा या सिर्फ कुछ दिनों के लिए है. बीजेपी को केंद्र सरकार की सत्ता से हटाने के लिए बहुत लोग बिहार की तरफ नजरें गड़ाए हुए हैं.''- अरुंधति राय, लेखिका

'देश को दो लोग बेच रहे हैं.. दो लोग खरीद रहे हैं' : अरुंधति राय ने कहा कि देश को सिर्फ चार लोग चला रहे हैं, चारों गुजराती हैं. दो लोग बेचने का काम करते हैं दो लोग खरीदने का काम करते हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अंबानी और अडानी यही पूरे भारत को चला रहे हैं. इसके आंकड़े भी हैं कि देश के 21 लोगों के पास इतना पैसा है जितना देश के 30 करोड़ लोगों के पास नहीं है. अडानी को ही देखिए तो कितने सारे गोदाम चलाते हैं पोर्ट चलाते हैं.

समझदार अलायंस की जरूरत : भाकपा माले की ओर से वाम दलों की एकजुटता को लेकर शुरू किए गए पहल पर अरुंधति राय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह पहल 2024 लोकसभा चुनाव में असर डाल पाएगा और उसी लिए वह यहां पहुंची हुई है. वह बहुत खुशी से लंबे और वर्षों बाद बिहार इसलिए भी आई है क्योंकि उन्हें बताया गया कि कल 18 फरवरी को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भी यहां कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की जो एकजुटता हो रही है वह उम्मीद करती है कि यह सिर्फ एक शिनिकल अलायंस ना हो बल्कि समझदार अलायंस हो.

''बहुत लोग पूंजीवाद के बारे में अच्छे से नहीं जानते हैं. वहीं अगर वामदलों की बात करें तो कई वामदल ऐसे हैं, जो जातिगत व्यवस्था के बारे में अधिक नहीं जानते हैं. जो जाति के खिलाफ लड़ते हैं वह जब तक पूंजीवाद नहीं समझेंगे और जो पूंजीवाद के खिलाफ लड़ते हैं वह जातिवाद नहीं समझेंगे तब तक सारी लड़ाइयां एक जगह आकर सीमित हो जाएंगी और उसके ऊपर चढ़कर फासीवाद हावी हो जाएगी.''- अरुंधति राय, लेखिका

लालू यादव बड़ा फैक्टर : ऑफ कैमरा अरुंधति राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने में विपक्ष में सबसे बड़ा चेहरा लालू यादव हैं. लालू यादव इलाज करा कर देश में लौट आए हैं और उनके तबीयत में सुधार हो रहा है. ऐसे में 2024 के लिए विपक्षी एकजुटता के लिए लालू यादव बड़ा फैक्टर होंगे. आरक्षण के सवाल पर अरुंधति राय ने कहा कि पिछड़ों को पहले से आरक्षण में हिस्सेदारी कम थी और इससे उन्हें और नुकसान हुआ है.

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