नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कला उत्सव विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न स्थानीय कला रूपों और पारंपरिक प्रदर्शनों को प्रदर्शित करके स्थानीय के लिए मुखर के विचार को मजबूत करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है.
यहां आयोजित कला उत्सव में बोलते हुए, सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) उन सभी को शिक्षा प्रदान करने पर जोर देती है, जो एक व्यक्ति में नैतिक, सांस्कृतिक, व्यावहारिक और पारंपरिक तार्किक संज्ञानात्मक और बुनियादी क्षमता विकसित करती हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं कला शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण एवं संतुलित विकास सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है. संयुक्त शिक्षा से राष्ट्र निर्माण में मदद मिलेगी. उन्होंने एनईपी 2020 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति छात्रों की कला, संस्कृति, रचनात्मकता और कौशल की प्रतिभा को निखारने और उनके सर्वांगीण विकास में मदद करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुप्रतीक्षित इंटरैक्टिव कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के 7वें संस्करण के बारे में बात करते हुए, सरकार ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से 29 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के लिए खुद को नामांकित करने का आग्रह किया. इन्हीं भावनाओं को व्यक्त करते हुए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि कला उत्सव हमारी शिक्षा में कला की विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देता है.
सिंह ने कहा कि 'जीवंत प्रदर्शनों ने न केवल हमारे सांस्कृतिक कला रूपों को प्रदर्शित किया, बल्कि भारत की विरासत को भी दर्शाया.' युवा छात्रों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि 'यह मंच कलाकारों को पंख प्रदान करता है और उनके सपने हकीकत में बदलते हैं.' सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में देश की कला और संस्कृति की विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के उद्देश्य से कला उत्सव की कल्पना करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया.