नई दिल्ली: संवैधानिक पीठ मामले वे मामले होते हैं, जिनमें संविधान की व्याख्या के रूप में कानून के पर्याप्त प्रश्न शामिल हैं. उनके परिणाम अन्य मामलों के परिणामों को भी प्रभावित करते हैं. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मई में पांच न्यायाधीशों की पीठ के 294 मामले थे. जो इस वर्ष बढ़कर 344 हो गये हैं.
हालांकि जिस वर्ष पहली बार कोविड-19 लॉकडाउन लगाया गया था और अदालत ने वस्तुतः काम करना बंद कर दिया था. तब मई 2020 में संवैधानिक पीठ के मामलों की कुल संख्या 547 थी, जो दर्शाता है कि लॉकडाउन के बावजूद अदालत संवैधानिक पीठ के कुछ मामलों का निपटारा कर सकती है. 2020 में 5 जजों की बेंच के सामने 398, सात जजों की बेंच के सामने 13 और नौ जजों के सामने 136 मामले लंबित थे.
पांच न्यायाधीशों की पीठ के अधिकांश मामलों का निपटारा कर दिया गया और सात और नौ न्यायाधीशों की पीठ लगभग अपरिवर्तित रही. हालांकि कुल लंबित मामले जिसमें सभी प्रकार के मामले शामिल हैं, वे 2020 में 60883 थे. जो लगातार वर्षों में बढ़ते गये हैं. मई 2022 तक कुल 70572 मामले शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं, जिनमें से 13413 मामलों को सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है. पिछले साल मई 2021 में कुल लंबित मामले 67898 थे.