जम्मू: कश्मीरी पंडित समुदाय समेत करीब 4,500 श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को यहां नगरोटा से कश्मीर के वार्षिक खीर भवानी मेले में शामिल होने के लिए रवाना हुए. इस मामले की जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी है. ज्येष्ठ अष्टमी को आयोजित होने वाला खीर भवानी मेला घाटी में तुल्मुल्ला (गंदेरबल), टिक्कर (कुपवाड़ा), लक्तीपुरा ऐशमुकाम (अनंतनाग), माता त्रिपुरसुंदरी देवसार (कुलगाम) और माता खीर भवानी मंजगाम (कुलगाम) में 28 मई को आयोजित होगा.
चार दिवसीय इस तीर्थयात्रा को नगरोटा इलाके से आज मंडलीय आयुक्त (जम्मू) रमेश कुमार, राहत आयुक्त केके सिधा और प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित नेताओं ने हरी झंड़ी दिखायी. रमेश कुमार ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहत विभाग, प्रशासन और सुरक्षाबलों ने इस तीर्थयात्रा को सफल बनाने के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं. ऐसा अनुमान है कि इस साल भारत तथा विदेश के विभिन्न हिस्सों से 60,000 से 70,000 विस्थापित कश्मीरी पंडित इस वार्षिक मेले के दौरान घाटी में पांच प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन के लिए आ सकते हैं.
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं. माता खीर भवानी वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष किरण वटाल ने कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन और पुलिस ने उत्कृष्ट बंदोबस्त और सुरक्षा उपाय किए हैं. सब कुछ सुचारु रूप से हो रहा है. इस यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है कि इतने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हैं. प्रशासन ने स्निफर डॉग, मेटल डिटेक्टर और भक्तों के गहन सत्यापन सहित सुरक्षा के कड़े उपाय लागू किए हैं. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी यात्रा का मार्गरक्षण कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)