श्रीनगर : जीओसी चिनार कोर के लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के वाशरान गांव में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले राइफलमैन कुलभूषण मांता (Rifleman Kulbushan Manta) को श्रद्धांजलि दी.
आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान राइफलमैन कुलभूषण मांता गोली लगने से घायल हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से 92 बेस अस्पताल, श्रीनगर ले जाया गया था. सेना ने कहा, उन्होंने 27 अक्टूबर को दोपहर 12.30 बजे अंतिम सांस ली. स्वर्गीय राइफलमैन कुलभूषण मानता 27 साल के थे और 2014 में सेना में शामिल हुए थे. वह हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कुपवी (एसटी) तहसील के गांव गौठ के रहने वाले थे.
सेना ने कहा, स्वर्गीय राइफलमैन कुलभूषण मांता के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हिमाचल प्रदेश में उनके पैतृक स्थान ले जाया जा रहा है, जहां उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. दुख की इस घड़ी में सेना शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है और उनकी गरिमा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.
बता दें कि 26 अक्टूबर को सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हो गई थी. उक्त कार्रवाई तारीपोरा वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में गोपनीय सूचना मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों के द्वारा एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था. तलाशी अभियान के दौरान, छिपे हुए आतंकवादियों ने संयुक्त तलाशी दल पर गोलीबारी की. वहीं सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई थी.
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