नई दिल्ली: 74वें सेना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत का कद और ताकत बढ़ने के मद्देनजर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में भारतीय सेना की अहम भूमिका बरकरार रहेगी. मंत्री ने सेना दिवस के अवसर पर कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की सीमाओं पर लगातार नजर रखती है और इस तरह वह नागरिकों में विश्वास पैदा करती है. सेना के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए संदेश में सिंह ने कहा कि भारतीय सेना नई उभरती बहु-क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए विस्तारित भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है.
सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना की कार्रवाई उल्लेखनीय रही है और सभी ने इसकी बहुत सराहना की है. उन्होंने कहा, ‘भारत का कद और उसकी ताकत बढ़ रही है, ऐसे में भारतीय सेना हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं को हासिल करने में अहम बनी रहेगी.' सरकार भारतीय सेना के क्षमता विकास और उसके कर्मियों, उनके परिवारों, सेवानिवृत्त कर्मियों और वीर नारियों (शहीदों की विधवाओं) के कल्याण को लेकर दृढ़ संकल्पित है. सिंह ने कहा, ‘इस अवसर पर, हम देश की सेवा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने वीर जवानों को नमन करते हैं.' उन्होंने कहा कि अपने प्रियजन की कुर्बानी से हुई क्षति को साहस और धैर्य के साथ सहने वाले परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरा देश साथ खड़ा है.
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#WATCH | Delhi: Indian Army’s Parachute Regiment commandos marching during the Army Day Parade in the new digital combat uniform of the Indian Army. This is the first time that the uniform has been unveiled in public. pic.twitter.com/j9D18kNP8B
— ANI (@ANI) January 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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74वें सेना दिवस पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने की अपनी आदत से लाचार है. सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में तकरीबन 300-400 आतंकवादी घुसपैठ करने के मौके की तलाश में बैठे हैं. सरहद पार से ड्रोन द्वारा हथियारों की तस्करी की कोशिश भी जारी है. सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना का संदेश साफ है कि वह देश की सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश को कामयाब नहीं होने देगी. यहां सेना दिवस परेड को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि पिछला साल सेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम का हवाला दिया. सेना दिवस, 1949 में अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती के स्थान पर भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ के तौर पर फील्ड मार्शल के एम करियप्पा के प्रभार संभालने के उपलक्ष्य में हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है.
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#WATCH | Indian Army releases a video showcasing the valour of the forces on the occasion of #ArmyDay pic.twitter.com/EtK3RIJxkN
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पूर्वी लद्दाख गतिरोध की ओर इशारा करते हुए, जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए भारत और चीन में सैन्य स्तर की 14वें दौर की वार्ता हाल में हुई. उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों से कई इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने का काम पूरा हुआ जो अपने आप में एक रचनात्मक कदम है. जनरल नरवणे ने कहा कि परस्पर एवं बराबर सुरक्षा के आधार पर, मौजूदा स्थिति का समाधान ढूंढने के लिए प्रयास जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों पर तैनात जवानों का मनोबल आसमान छू रहा है.
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जनरल नरवणे ने कहा, 'हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी है, लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमारा संदेश साफ है, भारतीय सेना देश की सीमा पर यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश सफल नहीं होने देगी.' पेंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 से भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध में उलझी हुई हैं. गतिरोध को हल करने के लिए दोनों देशों ने 14 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता की है. जनरल नरवणे ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिति पिछले साल से बेहतर है लेकिन पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है.
(पीटीआई-भाषा)