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साथी की नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न करने वाले जवान का कोर्ट मार्शल - सेना ने अपने एक जवान का कोर्ट मार्शल

सेना ने अपने एक जवान का कोर्ट मार्शल (Army Court-martial) कर दिया है. साथ ही सैनिक की बर्खास्तगी और पांच साल की जेल की सजा की सिफारिश की है. जवान को अपने साथी की नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है.

आर्मी ने किया कोर्ट मार्शल
आर्मी ने किया कोर्ट मार्शल
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Published : Sep 15, 2021, 6:34 AM IST

श्री गंगानगर (राजस्थान) : सेना ने अपने एक जवान का कोर्ट मार्शल (Army Court-martial) कर दिया है. साथ ही सैनिक की बर्खास्तगी और पांच साल की जेल की सजा की सिफारिश की है. जवान को अपने साथी की नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है.

सिख रेजिमेंट का जवान राजस्थान के रेगिस्तानी सेक्टर में तैनात है और उसने पिछले साल सितंबर में कथित अपराध किया था.सेना के सूत्रों ने कहा, 'जनरल कोर्ट मार्शल ने 5 सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम की धारा 10 के तहत सैनिक को 5 साल के कठोर कारावास और सेवा से बर्खास्तगी की सजा दी.'

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अक्षित आनंद ने सिपाही के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. उन्होंने बताया कि 16 रैपिड कमांडरों ने कोर्ट-मार्शल बुलाई थी और पीड़िता और उसके परिवार के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक साल के भीतर मामले को खत्म कर दिया गया.

पढ़ें- तीन स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म के मामले में सफाई कर्मचारी को आजीवन कारावास

भारतीय सेना नेतृत्व ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि नाबालिगों के खिलाफ यौन दुराचार और हमले के ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाए और कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए.

(एएनआई)

श्री गंगानगर (राजस्थान) : सेना ने अपने एक जवान का कोर्ट मार्शल (Army Court-martial) कर दिया है. साथ ही सैनिक की बर्खास्तगी और पांच साल की जेल की सजा की सिफारिश की है. जवान को अपने साथी की नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है.

सिख रेजिमेंट का जवान राजस्थान के रेगिस्तानी सेक्टर में तैनात है और उसने पिछले साल सितंबर में कथित अपराध किया था.सेना के सूत्रों ने कहा, 'जनरल कोर्ट मार्शल ने 5 सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम की धारा 10 के तहत सैनिक को 5 साल के कठोर कारावास और सेवा से बर्खास्तगी की सजा दी.'

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अक्षित आनंद ने सिपाही के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. उन्होंने बताया कि 16 रैपिड कमांडरों ने कोर्ट-मार्शल बुलाई थी और पीड़िता और उसके परिवार के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक साल के भीतर मामले को खत्म कर दिया गया.

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भारतीय सेना नेतृत्व ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि नाबालिगों के खिलाफ यौन दुराचार और हमले के ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाए और कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए.

(एएनआई)

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