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प्रायद्वीपीय भारत में इंडियन आर्मी ने किया हवाई तैनाती अभ्यास - हवाई तैनाती का अभ्यास

भारतीय सेना के विशेष बलों (Indian Army Special Forces) ने प्रायद्वीपीय भारत में हवाई तैनाती का अभ्यास (air deployment exercise) किया है. यह जमीन सहित द्वीप क्षेत्रों में कहीं भी तेजी से हवाई क्षमता की प्रतिक्रिया का अभ्यास रहा.

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Published : Mar 15, 2022, 7:08 PM IST

नई दिल्ली: प्रायद्वीपीय भारत में सेना (Indian Army) ने हवाई तैनाती का अभ्यास किया है. 14-15 मार्च को किए गए इस अभ्यास में सेना का विशेष बल (Indian Army Special Forces) शामिल रहा. इसमें उन्नत एरियल इंसर्शन तकनीक जिसमें एयरबोर्न और स्पेशल फोर्स के सैनिकों द्वारा कॉम्बैट फ्री फॉल और इंटीग्रेटेड बैटल ड्रिल शामिल हैं, पूरा किया गया.

यह अभ्यास यह सुनिश्चित करने के लिए था कि सेना किसी भी चुनौती या आकस्मिकता घटना से निपट सके. पिछले साल नवंबर में सेना ने अपना पहला एयरबोर्न इंसर्शन किया था. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर ऊंचाई वाले स्थानों पर यह अभ्यास किया गया था. यह अभ्यास बेहद खराब जलवायु परिस्थितियों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पेश की गई चुनौती का ठीक से सामना किया जा सके.

यह भी पढ़ें- नादर्न कमांड अति विशिष्ट सेवा मेडल अलंकरण समारोह, वीर सैनिकों को किया गया याद

इस हवाई अभ्यास और युद्धाभ्यास में हवाई सैनिकों को 14000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर एक ड्रॉप जोन में डाला गया था. विशेषज्ञ वाहनों और मिसाइल टुकड़ियों के साथ पूर्व-अनुकूल सैनिकों को सी-130 और एएन 32 विमानों के माध्यम से ले जाया गया था. इसमें इंटर-थियेटर चाल, सटीक स्टैंड-ऑफ ड्रॉप्स, तेजी से समूहीकरण, गति और आश्चर्य के साथ नामित ओबीजे पर कब्जा करने के लिए विभिन्न आधार शामिर रहे. ड्रॉप विशेष रूप से माइनस 20 डिग्री तक के कम तापमान और सुपर ऊंचाई में दुर्लभ वातावरण के कारण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था. इस भूभाग क्षेत्र में भारतीय बलों द्वारा किया गया यह पहला ऐसा अभ्यास है.

नई दिल्ली: प्रायद्वीपीय भारत में सेना (Indian Army) ने हवाई तैनाती का अभ्यास किया है. 14-15 मार्च को किए गए इस अभ्यास में सेना का विशेष बल (Indian Army Special Forces) शामिल रहा. इसमें उन्नत एरियल इंसर्शन तकनीक जिसमें एयरबोर्न और स्पेशल फोर्स के सैनिकों द्वारा कॉम्बैट फ्री फॉल और इंटीग्रेटेड बैटल ड्रिल शामिल हैं, पूरा किया गया.

यह अभ्यास यह सुनिश्चित करने के लिए था कि सेना किसी भी चुनौती या आकस्मिकता घटना से निपट सके. पिछले साल नवंबर में सेना ने अपना पहला एयरबोर्न इंसर्शन किया था. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर ऊंचाई वाले स्थानों पर यह अभ्यास किया गया था. यह अभ्यास बेहद खराब जलवायु परिस्थितियों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पेश की गई चुनौती का ठीक से सामना किया जा सके.

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इस हवाई अभ्यास और युद्धाभ्यास में हवाई सैनिकों को 14000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर एक ड्रॉप जोन में डाला गया था. विशेषज्ञ वाहनों और मिसाइल टुकड़ियों के साथ पूर्व-अनुकूल सैनिकों को सी-130 और एएन 32 विमानों के माध्यम से ले जाया गया था. इसमें इंटर-थियेटर चाल, सटीक स्टैंड-ऑफ ड्रॉप्स, तेजी से समूहीकरण, गति और आश्चर्य के साथ नामित ओबीजे पर कब्जा करने के लिए विभिन्न आधार शामिर रहे. ड्रॉप विशेष रूप से माइनस 20 डिग्री तक के कम तापमान और सुपर ऊंचाई में दुर्लभ वातावरण के कारण विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था. इस भूभाग क्षेत्र में भारतीय बलों द्वारा किया गया यह पहला ऐसा अभ्यास है.

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