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चीन से तनातनी के बीच पूर्वी लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ, तैयारियों की लिया जायजा

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने पूर्वी लद्धाख में कई अग्रिम इलाकों का दौरा किया. इस दौरान सेना प्रमुख नरवणे ने चीन के साथ लंबे समय से सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारत की अभियानगत तैयारियों की व्यापक समीक्षा की.

मनोज मुकुंद नरवणे
मनोज मुकुंद नरवणे
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Published : Oct 1, 2021, 10:12 PM IST

नई दिल्ली : थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff Gen MM Naravane) ने पूर्वी लद्दाख ( eastern Ladakh) में कई अग्रिम इलाकों का दौरा किया और चीन के साथ लंबे समय से सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारत की अभियानगत तैयारियों की व्यापक समीक्षा की.

अधिकारियों ने बताया कि नरवणे को 14वीं कोर के मुख्यालय में क्षेत्र की समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसे ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के रूप में जाना जाता है. इस कोर के पास लद्दाख में चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली की जिम्मेदारी है.

अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जनरल नरवणे ने रणनीतिक रूप से संवेदनशील रेजांग-ला क्षेत्र का दौरा किया और देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए वहां एक युद्ध-स्मारक का दौरा किया. थल सेना प्रमुख ने लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर से भी मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की.

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, 'जनरल नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में कई अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया जहां उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और अभियानगत तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने सैनिकों के साथ भी बातचीत की और उनकी दृढ़ता और मनोबल ऊंचा बनाए के लिए उनकी सराहना की.'

यह भी पढ़ें- विघटन वाले क्षेत्रों में चीन द्वारा नहीं हुई कोई हलचल : सेना प्रमुख

दौरे से एक दिन पहले नरवणे ने कहा कि जब देश कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहा था चीन के साथ 'अभूतपूर्व' सैन्य गतिरोध के मद्देनजर तत्काल कदम उठाने और बड़े पैमाने पर संसाधनों को जुटाने की आवश्यकता पड़ी. उद्योग संघ में एक व्याख्यान के दौरान बृहस्पतिवार को नरवणे ने कहा, 'कोविड-19 महामारी के बीच अभूतपूर्व घटनाक्रम के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाने, बलों की व्यवस्था और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता थी.'

भारत ने गुरुवार को सीमा विवाद के लिए दोषी ठहराने के प्रयास पर चीन पर निशाना साधा और कहा कि क्षेत्र में एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी सेना द्वारा 'भड़काऊ' व्यवहार और 'एकतरफा' प्रयासों ने क्षेत्र में अमन-चैन की स्थिति को गंभीर नुकसान पहुंचाया.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff Gen MM Naravane) ने पूर्वी लद्दाख ( eastern Ladakh) में कई अग्रिम इलाकों का दौरा किया और चीन के साथ लंबे समय से सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारत की अभियानगत तैयारियों की व्यापक समीक्षा की.

अधिकारियों ने बताया कि नरवणे को 14वीं कोर के मुख्यालय में क्षेत्र की समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसे ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के रूप में जाना जाता है. इस कोर के पास लद्दाख में चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली की जिम्मेदारी है.

अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जनरल नरवणे ने रणनीतिक रूप से संवेदनशील रेजांग-ला क्षेत्र का दौरा किया और देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए वहां एक युद्ध-स्मारक का दौरा किया. थल सेना प्रमुख ने लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर से भी मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की.

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, 'जनरल नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में कई अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया जहां उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और अभियानगत तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने सैनिकों के साथ भी बातचीत की और उनकी दृढ़ता और मनोबल ऊंचा बनाए के लिए उनकी सराहना की.'

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दौरे से एक दिन पहले नरवणे ने कहा कि जब देश कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहा था चीन के साथ 'अभूतपूर्व' सैन्य गतिरोध के मद्देनजर तत्काल कदम उठाने और बड़े पैमाने पर संसाधनों को जुटाने की आवश्यकता पड़ी. उद्योग संघ में एक व्याख्यान के दौरान बृहस्पतिवार को नरवणे ने कहा, 'कोविड-19 महामारी के बीच अभूतपूर्व घटनाक्रम के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाने, बलों की व्यवस्था और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता थी.'

भारत ने गुरुवार को सीमा विवाद के लिए दोषी ठहराने के प्रयास पर चीन पर निशाना साधा और कहा कि क्षेत्र में एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी सेना द्वारा 'भड़काऊ' व्यवहार और 'एकतरफा' प्रयासों ने क्षेत्र में अमन-चैन की स्थिति को गंभीर नुकसान पहुंचाया.

(पीटीआई भाषा)

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