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पुरातत्व विभाग को गांधीनगर में खंडित मूर्ति का मस्तक मिला - खंडित मूर्ति का मस्तक

केंद्रीय पुरातत्व विभाग गांधीनगर के माणसा तालुका में विहार गांव में विहारिया हनुमान मंदिर के पास 650 मीटर के क्षेत्र में फैले 4 मीटर ऊंचे टीले पर खुदाई का काम कर रहा है, जहां खुदाई के दौरान विभाग को खंडित मूर्ति का मस्तक मिला है.

खंडित मूर्ति का मस्तक
खंडित मूर्ति का मस्तक
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Published : Feb 12, 2021, 1:35 PM IST

अहमदाबाद : केंद्रीय पुरातत्व विभाग गांधीनगर के माणसा तालुका में विहार गांव में विहारिया हनुमान मंदिर के पास 650 मीटर के क्षेत्र में फैले 4 मीटर ऊंचे टीले पर खुदाई का काम कर रहा है, जहां खुदाई के दौरान विभाग को खंडित मूर्ति का मस्तक मिला है. जो बौद्ध या जैन प्रतिमा का होने का हो सकता है.

यह मस्तक किस मूर्ति का है ओर कितना पौराणिक है इस बात का पता पुरातत्व विभाग द्वारा परिक्षण करने के बाद ही चल सकेगा.

गांधीनगर जिला के माणसा तालुका का विहार गाम पौराणिक धरोहर है. इस गांव के एक जागृत वृद्ध द्वारा सरकारसे अपील की गई थी, जिसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम विहार गाम में पहुंची और आस पास के मंदिर में स्थापित वराह भगवान ओर विहरिया हनुमान की मूर्ति सोलंकी काल की होने की जानकारी सामने आयी है.

पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई
पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई

पढ़ें - 18 फरवरी से रामोजी फिल्म सिटी में पर्यटक कर सकेंगे सैर, जानें इस बार क्या है खास

ग्राम के ही एक शख्स की अनुसार गांव के एक पहाड़ पर खुदाई का काम किया जा रहा था इस बीच यहां संसोधन के समय वंधकाम वाला स्ट्रक्चर ओर मस्तक मीला.जिस के अनुसार बोद्ध या जैन सहित के लोगो का यहां पहेला रहेवास होगा.

अहमदाबाद : केंद्रीय पुरातत्व विभाग गांधीनगर के माणसा तालुका में विहार गांव में विहारिया हनुमान मंदिर के पास 650 मीटर के क्षेत्र में फैले 4 मीटर ऊंचे टीले पर खुदाई का काम कर रहा है, जहां खुदाई के दौरान विभाग को खंडित मूर्ति का मस्तक मिला है. जो बौद्ध या जैन प्रतिमा का होने का हो सकता है.

यह मस्तक किस मूर्ति का है ओर कितना पौराणिक है इस बात का पता पुरातत्व विभाग द्वारा परिक्षण करने के बाद ही चल सकेगा.

गांधीनगर जिला के माणसा तालुका का विहार गाम पौराणिक धरोहर है. इस गांव के एक जागृत वृद्ध द्वारा सरकारसे अपील की गई थी, जिसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम विहार गाम में पहुंची और आस पास के मंदिर में स्थापित वराह भगवान ओर विहरिया हनुमान की मूर्ति सोलंकी काल की होने की जानकारी सामने आयी है.

पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई
पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई

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ग्राम के ही एक शख्स की अनुसार गांव के एक पहाड़ पर खुदाई का काम किया जा रहा था इस बीच यहां संसोधन के समय वंधकाम वाला स्ट्रक्चर ओर मस्तक मीला.जिस के अनुसार बोद्ध या जैन सहित के लोगो का यहां पहेला रहेवास होगा.

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