नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने वर्ष 2020-21 से 1,83,778 करोड़ रुपये की सैन्य साजो-सामान की खरीद को आवश्यकता की स्वीकृति (AON) या सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की है. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Minister of State for Defence Ajay Bhat) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
भारत के रक्षा खरीद नियमों के तहत किसी भी सैन्य साजो-समान की खरीद के लिए 'एओएन' पहला कदम होता है. भट्ट ने कहा, 'वर्ष 2020-21 से 2022-23 (30 जून तक) के दौरान 1,83,778.34 करोड़ रुपये के एओएन को मंजूरी दी गई और 1,19,045.3 करोड़ रुपये के अनुबंधों को पूरा किया गया.'
बता दें कि जून 2022 में ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक में 76,390 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मिली मंजूरी दी गई थी. डीएसी ने भारतीय सेना के लिए हथियारों के स्वदेशी डिजाइन विकास पर के साथ घरेलू स्रोत से खरीदारी करने पर जोर दिया. रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि इससे भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा विदेशी खर्च को काफी कम करेगा. यह हथियार खरेदे जाएंगे डीएसी ने रफ टेरेन फोर्कलिफ्ट ट्रक (आरटीएफएलटी), पुल बिछाने वाले टैंक (बीएलटी), पहिएदार बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (डब्ल्यूएच एएफवी) के साथ एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) हथियार-पता लगाने वाले रडार (डब्ल्यूएलआर) की खरीद के लिए नए एओएन प्रदान किए हैं.
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