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APHC office to be sealed by NIA : हुर्रियत कार्यालय पर पहुंची एनआईए की टीम, संपत्ति होगी कुर्क

श्रीनगर स्थित ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के दफ्तर पर एनआईए की टीम पहुंची है. एजेंसी उनकी संपत्ति को कुर्क करेगी. यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि एपीएचसी वह स्थान था, जहां विभिन्न विरोध प्रदर्शनों की रणनीति बनाई जाती थी.

APHC office to be sealed by NIA
प्रतिकात्मक तस्वीर.
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Published : Jan 29, 2023, 9:20 AM IST

Updated : Jan 29, 2023, 12:01 PM IST

श्रीनगर : एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, श्रीनगर के राजबाग इलाके में स्थित ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) का कार्यालय जल्द ही आतंकवाद विरोधी कानून के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा अटैच किया जायेगा. एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच चुकी है. एनआईए ने अदालत में दावा किया है कि हुर्रियत नेता नईम खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह आंशिक रूप से इस संपत्ति का मालिक है.

  • J&K | A team of the National Investigation Agency (NIA) has arrived at Rajbagh in Srinagar to attach the office of All Parties Hurriyat Conference (APHC) in a UAPA case pic.twitter.com/RvkMvZ5QSn

    — ANI (@ANI) January 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अदालत एनआईए बनाम मोहम्मद हाफिज सईद और अन्य के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी. एजेंसी ने संपत्ति की कुर्की के लिए यूएपीए की धारा 33 (1) के प्रावधानों को भी लागू किया है. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज सईद, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य, हिजबुल मुजाहिदीन (HM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), और अन्य जैसे आतंकवादी संगठनों खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पढ़ें: 97th Episode Of Mann Ki Baat today : सुपर फूड मिलेट्स और न्यू इंडिया की प्रगति की कहानी

इनपर जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग करने का आरोप लगाया गया है. नई दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि खान, जिसे 24 जुलाई, 2017 को गिरफ्तार किया गया था, उस पर आरोप है कि उसने हवाला सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से देश के साथ-साथ विदेशों में भी धन जुटाया. जिसका इस्तेमाल जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए किया गया.

पढ़ें: Spreading Misinformation About China Issue : कुछ लोग जानबूझकर चीन मुद्दे के बारे में गलत जानकारी फैला रहे : जयशंकर

कई निर्णयों का हवाला देते हुए, अदालत ने पाया कि धारा 24 (आतंकवादी गतिविधि से अर्जित आय) अभिव्यक्ति का विस्तार करती है और यह स्पष्ट करती है कि इस तरह की अभिव्यक्ति में आतंकवाद के लिए उपयोग की जाने वाली संपत्ति भी शामिल होगी. अदालत ने यह भी कहा कि एपीएचसी वह स्थान था, जहां विभिन्न विरोध प्रदर्शनों की रणनीति बनाई जाती थी. सुरक्षा बलों पर पथराव की गतिविधियों के वित्तपोषण, बेरोजगार युवाओं को गैरकानूनी गतिविधियों के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से पूर्ववर्ती राज्य में अशांति पैदा करने के लिए भर्ती किया जाता था.

पढ़ें: Assam CM Gave Family Planning Tips : असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बोले- लड़कियां 22 से 30 साल में मां बन जाये तो अच्छा

इनका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ जम्मू और कश्मीर में युद्ध छेड़ना था. अदालत ने कहा कि कुर्की का मतलब 'पूर्व-परीक्षण निष्कर्ष' नहीं है. यह केवल एक संपत्ति के इस्तेमाल को बाधित करता है जिसे राज्य के लिए जब्त किया जा सकता है.

श्रीनगर : एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, श्रीनगर के राजबाग इलाके में स्थित ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) का कार्यालय जल्द ही आतंकवाद विरोधी कानून के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा अटैच किया जायेगा. एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच चुकी है. एनआईए ने अदालत में दावा किया है कि हुर्रियत नेता नईम खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और वह आंशिक रूप से इस संपत्ति का मालिक है.

  • J&K | A team of the National Investigation Agency (NIA) has arrived at Rajbagh in Srinagar to attach the office of All Parties Hurriyat Conference (APHC) in a UAPA case pic.twitter.com/RvkMvZ5QSn

    — ANI (@ANI) January 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अदालत एनआईए बनाम मोहम्मद हाफिज सईद और अन्य के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी. एजेंसी ने संपत्ति की कुर्की के लिए यूएपीए की धारा 33 (1) के प्रावधानों को भी लागू किया है. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज सईद, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य, हिजबुल मुजाहिदीन (HM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), और अन्य जैसे आतंकवादी संगठनों खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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इनपर जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग करने का आरोप लगाया गया है. नई दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि खान, जिसे 24 जुलाई, 2017 को गिरफ्तार किया गया था, उस पर आरोप है कि उसने हवाला सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से देश के साथ-साथ विदेशों में भी धन जुटाया. जिसका इस्तेमाल जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए किया गया.

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कई निर्णयों का हवाला देते हुए, अदालत ने पाया कि धारा 24 (आतंकवादी गतिविधि से अर्जित आय) अभिव्यक्ति का विस्तार करती है और यह स्पष्ट करती है कि इस तरह की अभिव्यक्ति में आतंकवाद के लिए उपयोग की जाने वाली संपत्ति भी शामिल होगी. अदालत ने यह भी कहा कि एपीएचसी वह स्थान था, जहां विभिन्न विरोध प्रदर्शनों की रणनीति बनाई जाती थी. सुरक्षा बलों पर पथराव की गतिविधियों के वित्तपोषण, बेरोजगार युवाओं को गैरकानूनी गतिविधियों के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से पूर्ववर्ती राज्य में अशांति पैदा करने के लिए भर्ती किया जाता था.

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इनका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ जम्मू और कश्मीर में युद्ध छेड़ना था. अदालत ने कहा कि कुर्की का मतलब 'पूर्व-परीक्षण निष्कर्ष' नहीं है. यह केवल एक संपत्ति के इस्तेमाल को बाधित करता है जिसे राज्य के लिए जब्त किया जा सकता है.

Last Updated : Jan 29, 2023, 12:01 PM IST
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