अमरावती: उच्च न्यायालय ने एपी में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए वाईसीपी सांसद रघुरामकृष्ण राजू द्वारा दायर याचिका (पीएल) पर सुनवाई की है. सांसद रघुराम ने आंध्र प्रदेश में वित्तीय अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने के लिए याचिका दायर की थी.
हाई कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. हाई कोर्ट ने जांच के सिलसिले में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, मंत्रियों और अधिकारियों समेत सभी 41 लोगों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया.
मामले की गहराई में जाएं तो सरकार की ओर से एजी श्रीराम ने दलीलें सुनीं कि सांसद रघुराम ने जनहित के बिना निजी मंशा से यह याचिका दायर की है. कहा गया है कि यह याचिका जांच के लायक नहीं है. मामले को खारिज करने की मांग की गई. याचिका दायर करने के बाद भी रघुरामकृष्ण राजू ने सरकारी भ्रष्टाचार की बात कही.
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील उन्नम मुरलीधर ने कहा कि अदालत के ध्यान में यह लाया गया कि सरकार ने याचिका दायर करने के बाद कुछ रिकॉर्ड नष्ट कर दिए हैं.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सीएम ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया. उन्होंने कहा कि सीएम जगन ने स्वास्थ्य विभाग के लिए रेत, शराब, कुछ उपकरण और सीमेंट की खरीद में अपने रिश्तेदारों और अनुयायियों को फायदा पहुंचाया है. उन्होंने इन पर सीबीआई जांच की मांग की.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वह याचिका की पात्रता तय करने से पहले नोटिस जारी करेगी. सीएम के साथ-साथ 41 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. प्रतिवादियों में सज्जला रामकृष्ण रेड्डी, सांसद विजयसाई रेड्डी, मंत्री पेद्दीरेड्डी रामचंद्र रेड्डी और कई अधिकारी शामिल हैं. अगली सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई.