नई दिल्ली : भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने यूके में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से कथित तौर पर रोके जाने की निंदा की है. उन्होंने नई दिल्ली में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय का कोई भी व्यक्ति यहां (गुरुद्वारा) आ सकता है. सिरसा ने कहा कि हम वह धर्म नहीं हैं जो हिंसा में विश्वास करते हैं, बल्कि हम उन लोगों में से हैं जो मानवता के रक्षक हैं. उन्होंने कहा कि सिख रक्षक हैं. पीएम मोदी ने हमारे समुदाय के काम की प्रशंसा की है.
सिरसा ने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय का कोई भी व्यक्ति गुरुद्वारे में जा सकता है. उन्होंने कहा कि खालिस्तानी नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दुनिया में सिखों के लिए सबसे सुरक्षित जगह भारत है. भाजपा नेता की यह टिप्पणी भारतीय दूत दोराईस्वामी को शुक्रवार को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद आई है.
बता दें कि 'सिख यूथ यूके' के इंस्टाग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक कथित वीडियो के अनुसार, कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक एक व्यक्ति को अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे में प्रवेश करने से दोरईस्वामी को रोकते हुए देखा गया था. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बीच यह बात सामने आई है.
वीडियो में व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे कनाडा और अन्य स्थानों में सिखों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, प्रत्येक सिख को किसी भी भारतीय राजदूत के खिलाफ विरोध करना चाहिए जैसा हमने यहां ग्लासगो में किया है. 'सिख यूथ यूके' का दावा है कि भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक तौर पर गुरुद्वारे में जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी इस कार्रवाई की निंदा की है. एसजीपीसी महासचिव ग्रेवाल ने कहा कि ब्रिटेन के दूत को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए था. गुरुद्वारा हर धर्म के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि दूत को क्यों रोका गया और उन्होंने बताया कि ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है.