नई दिल्ली : कोरोना संकट व लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने 80 करोड़ लोगों के पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त में अलग से 5 किलो खाद्यान्न देने का निर्णय लिया है. इसमें 5 किलो गेहूं या चावल शामिल है. इनमें से अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी 9.74 करोड़ हैं. जिन्हें अपने मौजूदा कोटे से अलग मई व जून में मुफ्त राशन दिया जाएगा.
हालांकि गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत करने वाले परिवारों (BPL) व दिव्यांगों को केंद्र सरकार की अंत्योदय अन्न योजना के तहत सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों के साथ दिव्यांगों को हर महीने 35 किलो ग्राम अनाज प्रति परिवार दिया जाता है जिसमें 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल होता है. लाभार्थियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गेहूं 2 रुपये प्रति किलो व धान 3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है.
यह योजना मुख्य रूप से शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए है. जिन परिवारों की वार्षिक आय 15 हजार रुपये तक है वे ही इस योजना के मुख्य लाभार्थी हैं. इसमें कुम्हार, बुनकर, बढ़ई, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, दरबान, भूमिहीन खेतिहर मजदूर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले आदि शामिल हैं.
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इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड के साथ हलफनामा होना चाहिए जिसमें इस बात का उल्लेख हो कि उसके पास पहले कभी कोई राशन कार्ड नहीं था. इसके अलावा उसके पास पहचान व निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, संबंधित पटवारी द्वारा जारी किया गया लाभार्थी का आय प्रमाण पत्र होना चाहिए. साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग में इस संबंध में आवेदन पत्र को दस्तावेजों के साथ जमा करने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी के द्वारा जांच के बाद तय किया जाएगा कि आप इस योजना के लाभ के योग्य हैं या नहीं.
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वहीं इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उस इलाके के पंचायत प्रधान, उस व्यक्ति के परिवार के किसी व्यक्ति की आय की जानकारी के साथ आवेदन साधे कागज पर करना होगा. उसके बाद ग्राम सभा यह फैसला लेगी की वह व्यक्ति का परिवार अंत्योदय अन्न योजना के लिए निर्धारित मापदंड पर खरा उतरता है या नहीं.