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कोविड-19 के ज्यादातर वैरिएंट से बचाने वाले एंटीबॉडी का पता चला

वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के ज्यादातर वैरिएंट से बचाने वाले एंटीबॉडी का पता लगाया है. अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से एंटीबॉडी आधारित नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में मदद मिल सकती है.

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Published : Aug 23, 2021, 4:12 PM IST

एंटीबॉडी का पता चला
एंटीबॉडी का पता चला

वॉशिंगटन : अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसे एंटीबॉडी का पता लगाया है जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के व्यापक स्वरूपों के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षा प्रदान करता है.

'इम्युनिटी' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षों से एंटीबॉडी आधारित नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में मदद मिल सकती हैं, जिनकी क्षमता वायरस के विभिन्न स्वरूपों के सामने आने के बाद भी कम नहीं होती.

अमेरिका स्थित 'वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन इन सेंट लुइस' के प्रोफेसर और मुख्य अनुसंधानकर्ता माइकल एस डायमंड ने कहा, 'मौजूदा एंटीबॉडी कुछ स्वरूपों के खिलाफ कारगर हैं, लेकिन ये सभी स्वरूपों पर कारगर नहीं हैं.'

स्वरूप बदलता रहेगा वायरस
डायमंड ने कहा, 'यह वायरस समय और स्थान के साथ स्वरूप बदलना जारी रखेगा.' उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से काम करने वाले प्रभावी एंटीबॉडी को मिलाकर नए संयोजन बनाने से व्यापक स्वरूपों से लड़ने में मदद मिल सकती है.
व्यापक स्वरूपों पर काम करने वाले एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 'रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन' (आरबीडी) के रूप में जाने जाने वाले स्पाइक प्रोटीन के एक महत्वपूर्ण हिस्से के साथ चूहों को प्रतिरक्षित किया. फिर उन्होंने एंटीबॉडी-बनाने वाली कोशिकाओं को निकाला और उनसे आरबीडी को पहचानने वाली 43 एंटीबॉडी प्राप्त कीं.

पढ़ें- क्या कोविड वेरिएंट उत्पादित एंटीबॉडी दूसरों को कर सकते हैं बेअसर?

उन्होंने दो ऐसे एंटीबॉडी का चयन किया जो चूहों को संक्रमण से बचाने में सबसे प्रभावी थे और संक्रमण के स्वरूपों के एक पैनल के खिलाफ उनकी जांच की. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एक एंटीबॉडी, सार्स2-38 ने सभी स्वरूपों को आसानी से निष्प्रभावी कर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

वॉशिंगटन : अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसे एंटीबॉडी का पता लगाया है जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के व्यापक स्वरूपों के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षा प्रदान करता है.

'इम्युनिटी' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षों से एंटीबॉडी आधारित नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में मदद मिल सकती हैं, जिनकी क्षमता वायरस के विभिन्न स्वरूपों के सामने आने के बाद भी कम नहीं होती.

अमेरिका स्थित 'वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन इन सेंट लुइस' के प्रोफेसर और मुख्य अनुसंधानकर्ता माइकल एस डायमंड ने कहा, 'मौजूदा एंटीबॉडी कुछ स्वरूपों के खिलाफ कारगर हैं, लेकिन ये सभी स्वरूपों पर कारगर नहीं हैं.'

स्वरूप बदलता रहेगा वायरस
डायमंड ने कहा, 'यह वायरस समय और स्थान के साथ स्वरूप बदलना जारी रखेगा.' उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से काम करने वाले प्रभावी एंटीबॉडी को मिलाकर नए संयोजन बनाने से व्यापक स्वरूपों से लड़ने में मदद मिल सकती है.
व्यापक स्वरूपों पर काम करने वाले एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 'रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन' (आरबीडी) के रूप में जाने जाने वाले स्पाइक प्रोटीन के एक महत्वपूर्ण हिस्से के साथ चूहों को प्रतिरक्षित किया. फिर उन्होंने एंटीबॉडी-बनाने वाली कोशिकाओं को निकाला और उनसे आरबीडी को पहचानने वाली 43 एंटीबॉडी प्राप्त कीं.

पढ़ें- क्या कोविड वेरिएंट उत्पादित एंटीबॉडी दूसरों को कर सकते हैं बेअसर?

उन्होंने दो ऐसे एंटीबॉडी का चयन किया जो चूहों को संक्रमण से बचाने में सबसे प्रभावी थे और संक्रमण के स्वरूपों के एक पैनल के खिलाफ उनकी जांच की. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एक एंटीबॉडी, सार्स2-38 ने सभी स्वरूपों को आसानी से निष्प्रभावी कर दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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