नई दिल्ली : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में मंगलवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की आवाज का नमूना लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुल बंगश इलाके में दंगों के दौरान भीड़ ने कथित तौर पर तीन लोगों को मार डाला था. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने राजनेता मंजीत सिंह जी.के. को भी तलब किया है. मंजीत सिंह जी.के. ने कथित ‘स्टिंग टेप’ जारी किये थे जिनमें टाइटलर बताए गए एक व्यक्ति ने सिखों की हत्या करने का दावा किया था.
अधिकारियों ने बताया कि अब तक तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने वाली एजेंसी ने मामले में 'नए सबूत' मिलने के बाद यह कदम उठाया है. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी टाइटलर की आवाज के नमूने का और वीडियो में सुनाई देने वाली आवाज से मिलान कर सकती है. दंगों की जांच करने वाले नानावती आयोग की रिपोर्ट में टाइटलर का नाम था. अधिकारियों ने बताया कि टाइटलर केन्द्रीय फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला पहुंचे, जहां विशेषज्ञों ने उनकी आवाज का नमूना लिया. जरूरी कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें वहां से जाने दिया गया.
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Congress leader Jagdish Tytler appears before CBI in Delhi for giving his voice sample, in connection Pul Bangash gurdwara case related to the 1984 anti-Sikh riots. CFSL to examine the voice samples.
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— ANI (@ANI) April 11, 2023
(file photo) pic.twitter.com/zJiwidXCSWCongress leader Jagdish Tytler appears before CBI in Delhi for giving his voice sample, in connection Pul Bangash gurdwara case related to the 1984 anti-Sikh riots. CFSL to examine the voice samples.
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मामला एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश इलाके में दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या से जुड़ा है. वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश में सिख समुदाय पर कथित तौर पर हिंसक हमले किए गए थे. पीड़ितों ने मामले में सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी. अदालत ने दिसंबर 2015 में सीबीआई को मामले की और जांच करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह हर दो महीने में जांच की निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर एक पहलू की जांच की जाए. टाइटलर पर हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप है. सीबीआई ने मामले में तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जिन्हें विशेष अदालत ने खारिज कर दिया.
मंजीत सिंह जी. के. ने 2018 में ‘स्टिंग’ वीडियो जारी किए गए थे. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें दिल्ली के एक कारोबारी ने डाक के जरिए इन्हें भेजा है. एजेंसी ने बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरुचरण सिंह की गुरुद्वारे के पास की गई हत्या के मामले की फिर से जांच शुरू की. सीबीआई अब विशेष अदालत के समक्ष नियमित रूप से स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर रही है.
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(पीटीआई-भाषा)