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बेंगलुरु में अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू

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Published : Sep 12, 2022, 7:39 PM IST

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हाल ही में भारी बारिश के बाद बेंगलुरू में बाढ़ के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार कहे जाने वाले नालों के कथित अतिक्रमण को हटाने के अभियान में कोई पक्षपात नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मैंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को बाधित किया है, उसे हटाया जाए. यह मैंने पहले ही दिन बहुत स्पष्ट कर दिया था." बोम्मई ने कहा, "इस मुद्दे पर किसी भी तरह के पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है."

बेंगलुरु में अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू
बेंगलुरु में अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू

बेंगलुरु : बेंगलुरू नगर निकाय ने शहर के कुछ हिस्सों में कुछ दिन पहले बारिश से आई भीषण बाढ़ के बाद सोमवार को एक तोड़फोड़ अभियान शुरू किया. वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अतिक्रण रोधी अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जाएगा. बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की एक टीम ने आठ स्थानों पर यह अभियान चलाया जो कथित तौर पर महादेवपुरा क्षेत्र के बेलंदूर और उसके आसपास बाढ़ का कारण बन रहे थे.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 स्थानों की पहचान की, जो वर्षा जल के प्रवाह को रोक रहे थे. सूत्रों के अनुसार इसमें एक प्रमुख निजी स्कूल का एक भवन, खेल का मैदान और उद्यान शामिल था जहां जल निकासी नाले का अतिक्रमण किया गया था. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के सामने अगली चुनौती स्कूल के ठीक बगल में स्थित एक अपार्टमेंट को गिराने की है. बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा, "अपार्टमेंट के निवासियों को इसे खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं. हम उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं."

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हाल ही में भारी बारिश के बाद बेंगलुरू में बाढ़ के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार कहे जाने वाले नालों के कथित अतिक्रमण को हटाने के अभियान में कोई पक्षपात नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मैंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को बाधित किया है, उसे हटाया जाए. यह मैंने पहले ही दिन बहुत स्पष्ट कर दिया था." बोम्मई ने कहा, "इस मुद्दे पर किसी भी तरह के पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है."

यह पूछे जाने पर कि क्या बड़ी कंपनियां बरसाती नालों का अतिक्रमण करती पाई गईं, बोम्मई ने कहा, "वे जो भी हैं, हम उन्हें नहीं बख्शेंगे. बाढ़ के दौरान सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा." बोम्मई ने कहा कि निचले इलाकों के मकानों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सभी अतिक्रमण हटाने का काम पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अतिक्रमण हटाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो अभियान शुरू हुआ है, वह रुकेगा नहीं.

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अदालत में एक 'कैविएट' दाखिल करेगी, बोम्मई ने कहा कि उसने अदालत से निर्देश हासिल किए हैं. उन्होंने कहा, "साथ ही, हम सारी जानकारी अदालतों को देंगे. इस बार हम बड़े पैमाने पर अतिक्रमण रोधी अभियान चलाएंगे." इस बीच, आउटर रिंग रोड कंपनीज एसोसिएशन (ओआरआरसीए) ने कहा कि उन्होंने आम दिन की तरह सोमवार को अपने कार्यालय शुरू कर दिए क्योंकि सड़कों या कार्यालयों में जलजमाव नहीं था.

एक हफ्ते पहले बेंगलुरु में बाढ़ के दिन, ओआरआरसीए ने दावा किया था कि आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) और बैंकिंग कंपनियों को एक ही दिन में लगभग 225 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि कर्मचारी सड़कों पर फंस गए थे और वे कार्यालय से या घर से काम नहीं कर पा रहे थे.

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : बेंगलुरू नगर निकाय ने शहर के कुछ हिस्सों में कुछ दिन पहले बारिश से आई भीषण बाढ़ के बाद सोमवार को एक तोड़फोड़ अभियान शुरू किया. वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अतिक्रण रोधी अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जाएगा. बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की एक टीम ने आठ स्थानों पर यह अभियान चलाया जो कथित तौर पर महादेवपुरा क्षेत्र के बेलंदूर और उसके आसपास बाढ़ का कारण बन रहे थे.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 स्थानों की पहचान की, जो वर्षा जल के प्रवाह को रोक रहे थे. सूत्रों के अनुसार इसमें एक प्रमुख निजी स्कूल का एक भवन, खेल का मैदान और उद्यान शामिल था जहां जल निकासी नाले का अतिक्रमण किया गया था. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के सामने अगली चुनौती स्कूल के ठीक बगल में स्थित एक अपार्टमेंट को गिराने की है. बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा, "अपार्टमेंट के निवासियों को इसे खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं. हम उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं."

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हाल ही में भारी बारिश के बाद बेंगलुरू में बाढ़ के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार कहे जाने वाले नालों के कथित अतिक्रमण को हटाने के अभियान में कोई पक्षपात नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मैंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को बाधित किया है, उसे हटाया जाए. यह मैंने पहले ही दिन बहुत स्पष्ट कर दिया था." बोम्मई ने कहा, "इस मुद्दे पर किसी भी तरह के पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं है."

यह पूछे जाने पर कि क्या बड़ी कंपनियां बरसाती नालों का अतिक्रमण करती पाई गईं, बोम्मई ने कहा, "वे जो भी हैं, हम उन्हें नहीं बख्शेंगे. बाढ़ के दौरान सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा." बोम्मई ने कहा कि निचले इलाकों के मकानों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सभी अतिक्रमण हटाने का काम पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अतिक्रमण हटाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो अभियान शुरू हुआ है, वह रुकेगा नहीं.

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अदालत में एक 'कैविएट' दाखिल करेगी, बोम्मई ने कहा कि उसने अदालत से निर्देश हासिल किए हैं. उन्होंने कहा, "साथ ही, हम सारी जानकारी अदालतों को देंगे. इस बार हम बड़े पैमाने पर अतिक्रमण रोधी अभियान चलाएंगे." इस बीच, आउटर रिंग रोड कंपनीज एसोसिएशन (ओआरआरसीए) ने कहा कि उन्होंने आम दिन की तरह सोमवार को अपने कार्यालय शुरू कर दिए क्योंकि सड़कों या कार्यालयों में जलजमाव नहीं था.

एक हफ्ते पहले बेंगलुरु में बाढ़ के दिन, ओआरआरसीए ने दावा किया था कि आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) और बैंकिंग कंपनियों को एक ही दिन में लगभग 225 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि कर्मचारी सड़कों पर फंस गए थे और वे कार्यालय से या घर से काम नहीं कर पा रहे थे.

(पीटीआई-भाषा)

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