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Anti Corruption Day: जानें भ्रष्टाचार मामलों में भारत का स्थान - अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस (Anti Corruption Day) को दुनिया भर में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और इसके साथ लड़ने के लिए हर साल नौ दिसंबर को मनाया जाता है. भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी (corruption and bribery) दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है. लगभग सभी देश भ्रष्टाचार की समस्या से जूझ रहे हैं. हर देश में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उपाय किए गए हैं. पहली बार यह कब मनाया गया था, इसको मनाने की शुरुआत कब से हुई और कैसे? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख...

भ्रष्टाचार निरोधक दिवस
भ्रष्टाचार निरोधक दिवस
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Published : Dec 10, 2021, 9:56 AM IST

हैदराबाद : भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है, जो हमारे समाज को, हमारी अर्थव्यवस्था को और कुल मिलाकर पूरे देश को खोखला कर रहा है. यह समाज और देश के विकास में बड़ी बाधा है. दुनिया का लगभग सभी देश इस समस्या से ग्रसित हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए 31 अक्टूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुआ था. उसके बाद से हर साल नौ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य रूप से मकसद भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है.

भ्रष्टाचार से लड़ने और इसे रोकने में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और लोगों को जागरूक किया है. यह अधिवेशन वर्ष 2005 में लागू हुआ और तब से यह दिन प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है.

इस साल की विषयवस्तु

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस 2021 की इस बार विषयवस्तु है 'आपका अधिकार, आपकी भूमिका : भ्रष्टाचार को ना कहें'. यह महत्वपूर्ण है कि भ्रष्टाचार से निपटने में प्रत्येक व्यक्तिगत हितधारक के अधिकारों और जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला जाए, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, कानून प्रवर्तन एजेंसियां, नागरिक समाज संगठन, अकादमिक, मीडिया और युवा शामिल हैं.

भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का इतिहास

भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की भूमिका को उजागर करने के एक तरीके के रूप में संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा नौ अक्टूबर, 2003 को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत की गई थी. दिसंबर 2003 में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने (fight against international corruption) का पहला कदम यूनाइटेड नेशनल कन्वेंशन अगेन्स्ट करप्शन (UNCAC) पारित करके संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिया गया था. इसको 31 अक्टूबर 2003 को तैयार किया गया था.

भ्रष्टाचार और समस्या चिंता का विषय

संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिन को बनाने के पीछे का आधिकारिक कारण यह है कि यह समाज की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भ्रष्टाचार और समस्याओं की गंभीरता के बारे में चिंतित था. संस्थानों और लोकतंत्र के मूल्यों, नैतिक मूल्यों और न्याय व विकास, कानून व्यवस्था को स्थिर तथा सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए यह कदम उठना जरूरी था.

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की प्रतिक्रिया

चूंकि इस दिन को पहले ही आयोजित किया गया था, दिन के आयोजकों, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ड्रग्स व अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का कहना है कि भ्रष्टाचार के प्रति असहिष्णुता बढ़ी है. यह उन राजनेताओं और मुख्य अधिकारियों की बढ़ती संख्या से स्पष्ट होता है, जिन्हें अपराध के लिए दोषी ठहराया जा रहा है.

भ्रष्टाचार के पनपने का कारण

भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है, जो दुनिया भर के हर देश को प्रभावित करता है. यह नैतिक अखंडता को कम करता है, जो ईमानदारी की कमी को दर्शाता है. यह उन लोगों को भी संदर्भित करता है, जो बेईमानी भरे लाभ के लिए सत्ता या विश्वास की स्थिति का फायदा उठाते हैं. भ्रष्टाचार लोकतंत्र को कमजोर करता है, अस्थिर सरकारें बनाता है और देशों को आर्थिक रूप से पीछे कर देता है. भ्रष्टाचार विभिन्न रूपों में होता है, जैसे- रिश्वत, कानून को निष्पक्ष तरीके से परिणामों से निपटने के बिना, गलत तरीके से चुनाव प्रक्रिया का होना और परिणामों को संशोधित करना. इसके साथ ही गलतियों को कवर करना या व्हिसलब्लोअर को चुप कराना (जो इस आशा में भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं कि न्याय की सेवा की जाएगी).

भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का महत्व

हर साल एक ट्रिलियन डॉलर का भुगतान रिश्वत में किया जाता है, जबकि अनुमानित $ 2.6 ट्रिलियन को भ्रष्टाचार के माध्यम से सालाना चोरी किया जाता है, जो वैश्विक जीडीपी के पांच प्रतिशत से अधिक के बराबर राशि है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, विकासशील देशों में भ्रष्टाचार से चोरी किए गए धन का अनुमान आधिकारिक विकास सहायता से 10 गुना अधिक है. भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है, जो सभी समाजों में सामाजिक और आर्थिक विकास को कमजोर कर सकता है.

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य

सरकारें, निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठन, दुनिया भर के मीडिया और नागरिक इस अपराध से लड़ने के लिए सुरक्षा बल में शामिल हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय इन प्रयासों में सबसे आगे हैं.

दुनिया में रैंकिंग

जानकारी के मुताबिक, दुनिया में भ्रष्टाचार की रैंकिंग में भारत पांच अंक से नीचे है, लेकिन चीन या पाकिस्तान से बेहतर है. व्यापार भ्रष्टाचार की वैश्विक सूची में भारत 2021 में 82वें स्थान पर आ गया है, जो पिछले साल 77वें स्थान से पांच स्थान नीचे था.

रिश्वत-विरोधी मानक निर्धारण संगठन TRACE ने अपनी सूची में व्यापार भ्रष्टाचार वाले 194 देशों, क्षेत्रों और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों की जानकारी दी है.

इस साल जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और इरिट्रिया में सबसे अधिक व्यावसायिक भ्रष्टाचार देखे गए हैं, जबकि डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड में सबसे कम भ्रष्टाचार पाए गए.

देश 2021 में रैंक

रैंकदेश
1डेनमार्क
2नॉर्वे
3स्वीडन
82भारत
192इरिट्रिया
193तुर्कमेनिस्तान
194उत्तर कोरिया

वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक और भारत :

वैश्विक नागरिक समाज ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी सालाना सूचकांक में विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के अपने कथित स्तरों के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की गई है. यह शून्य से 100 के पैमाने पर देशों को स्थान देता है, जिसमें शून्य भ्रष्टाचार के उच्चतम स्तर और 100 सबसे कम स्तर को दर्शाता है.

शीर्ष रैंक और भारत की स्थिति :

देशरैंक 2020स्कोर 2020रैंक 2019स्कोर 2019
न्यूजीलैंड188187
डेनमार्क1881 87
फिनलैंड385386
स्विट्जरलैंड385485
सिंगापुर385485
स्वीडन385485
भारत86408041

पिछले कुछ सालों में भारत का प्रदर्शन :

सालरैंकस्कोरदेशों का सर्वे
20129436174
20139436175
20148538174
20157638167
20167940176
20178140180
20187841180
20198041180
20208640180

2021 में विश्वभर में श्रेष्ठ 10 भ्रष्ट देश:

क्रमांकभ्रष्ट देशभ्रष्ट रैंक
1इराक1
2कोलंबिया2
3मेक्सिको3
4ब्राजिल4
5रूस5
6ग्वाटेमाला6
7कजाखस्तान7
8लेबनान8
9अल साल्वाडोर9
10आजरबाइजान10

दुनिया के श्रेष्ठ 10 सबसे भ्रष्ट देश (2020 भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक) :

भ्रष्ट के पैमाने पर सीपीआई स्कोर अधिकतम (0) से कम से कम (100)

  • सोमालिया - 12 (टाई)
  • दक्षिण सूडान - 12 (टाई)
  • सीरिया - 14
  • वेनेज़ुएला - 15 (टाई)
  • यमन - 15 (टाई)
  • भूमध्यरेखीय गिनी - 16 (टाई)
  • सूडान - 16 (टाई)
  • लीबिया - 17
  • कांगो (डेम गणराज्य) - 18 (टाई)
  • हैती - 18 (टाई)

हैदराबाद : भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है, जो हमारे समाज को, हमारी अर्थव्यवस्था को और कुल मिलाकर पूरे देश को खोखला कर रहा है. यह समाज और देश के विकास में बड़ी बाधा है. दुनिया का लगभग सभी देश इस समस्या से ग्रसित हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए 31 अक्टूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुआ था. उसके बाद से हर साल नौ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य रूप से मकसद भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है.

भ्रष्टाचार से लड़ने और इसे रोकने में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और लोगों को जागरूक किया है. यह अधिवेशन वर्ष 2005 में लागू हुआ और तब से यह दिन प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है.

इस साल की विषयवस्तु

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस 2021 की इस बार विषयवस्तु है 'आपका अधिकार, आपकी भूमिका : भ्रष्टाचार को ना कहें'. यह महत्वपूर्ण है कि भ्रष्टाचार से निपटने में प्रत्येक व्यक्तिगत हितधारक के अधिकारों और जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला जाए, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, कानून प्रवर्तन एजेंसियां, नागरिक समाज संगठन, अकादमिक, मीडिया और युवा शामिल हैं.

भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का इतिहास

भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की भूमिका को उजागर करने के एक तरीके के रूप में संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा नौ अक्टूबर, 2003 को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत की गई थी. दिसंबर 2003 में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने (fight against international corruption) का पहला कदम यूनाइटेड नेशनल कन्वेंशन अगेन्स्ट करप्शन (UNCAC) पारित करके संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिया गया था. इसको 31 अक्टूबर 2003 को तैयार किया गया था.

भ्रष्टाचार और समस्या चिंता का विषय

संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिन को बनाने के पीछे का आधिकारिक कारण यह है कि यह समाज की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भ्रष्टाचार और समस्याओं की गंभीरता के बारे में चिंतित था. संस्थानों और लोकतंत्र के मूल्यों, नैतिक मूल्यों और न्याय व विकास, कानून व्यवस्था को स्थिर तथा सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए यह कदम उठना जरूरी था.

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की प्रतिक्रिया

चूंकि इस दिन को पहले ही आयोजित किया गया था, दिन के आयोजकों, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ड्रग्स व अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का कहना है कि भ्रष्टाचार के प्रति असहिष्णुता बढ़ी है. यह उन राजनेताओं और मुख्य अधिकारियों की बढ़ती संख्या से स्पष्ट होता है, जिन्हें अपराध के लिए दोषी ठहराया जा रहा है.

भ्रष्टाचार के पनपने का कारण

भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है, जो दुनिया भर के हर देश को प्रभावित करता है. यह नैतिक अखंडता को कम करता है, जो ईमानदारी की कमी को दर्शाता है. यह उन लोगों को भी संदर्भित करता है, जो बेईमानी भरे लाभ के लिए सत्ता या विश्वास की स्थिति का फायदा उठाते हैं. भ्रष्टाचार लोकतंत्र को कमजोर करता है, अस्थिर सरकारें बनाता है और देशों को आर्थिक रूप से पीछे कर देता है. भ्रष्टाचार विभिन्न रूपों में होता है, जैसे- रिश्वत, कानून को निष्पक्ष तरीके से परिणामों से निपटने के बिना, गलत तरीके से चुनाव प्रक्रिया का होना और परिणामों को संशोधित करना. इसके साथ ही गलतियों को कवर करना या व्हिसलब्लोअर को चुप कराना (जो इस आशा में भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं कि न्याय की सेवा की जाएगी).

भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का महत्व

हर साल एक ट्रिलियन डॉलर का भुगतान रिश्वत में किया जाता है, जबकि अनुमानित $ 2.6 ट्रिलियन को भ्रष्टाचार के माध्यम से सालाना चोरी किया जाता है, जो वैश्विक जीडीपी के पांच प्रतिशत से अधिक के बराबर राशि है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार, विकासशील देशों में भ्रष्टाचार से चोरी किए गए धन का अनुमान आधिकारिक विकास सहायता से 10 गुना अधिक है. भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है, जो सभी समाजों में सामाजिक और आर्थिक विकास को कमजोर कर सकता है.

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य

सरकारें, निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठन, दुनिया भर के मीडिया और नागरिक इस अपराध से लड़ने के लिए सुरक्षा बल में शामिल हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय इन प्रयासों में सबसे आगे हैं.

दुनिया में रैंकिंग

जानकारी के मुताबिक, दुनिया में भ्रष्टाचार की रैंकिंग में भारत पांच अंक से नीचे है, लेकिन चीन या पाकिस्तान से बेहतर है. व्यापार भ्रष्टाचार की वैश्विक सूची में भारत 2021 में 82वें स्थान पर आ गया है, जो पिछले साल 77वें स्थान से पांच स्थान नीचे था.

रिश्वत-विरोधी मानक निर्धारण संगठन TRACE ने अपनी सूची में व्यापार भ्रष्टाचार वाले 194 देशों, क्षेत्रों और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों की जानकारी दी है.

इस साल जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और इरिट्रिया में सबसे अधिक व्यावसायिक भ्रष्टाचार देखे गए हैं, जबकि डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड में सबसे कम भ्रष्टाचार पाए गए.

देश 2021 में रैंक

रैंकदेश
1डेनमार्क
2नॉर्वे
3स्वीडन
82भारत
192इरिट्रिया
193तुर्कमेनिस्तान
194उत्तर कोरिया

वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक और भारत :

वैश्विक नागरिक समाज ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी सालाना सूचकांक में विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के अपने कथित स्तरों के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की गई है. यह शून्य से 100 के पैमाने पर देशों को स्थान देता है, जिसमें शून्य भ्रष्टाचार के उच्चतम स्तर और 100 सबसे कम स्तर को दर्शाता है.

शीर्ष रैंक और भारत की स्थिति :

देशरैंक 2020स्कोर 2020रैंक 2019स्कोर 2019
न्यूजीलैंड188187
डेनमार्क1881 87
फिनलैंड385386
स्विट्जरलैंड385485
सिंगापुर385485
स्वीडन385485
भारत86408041

पिछले कुछ सालों में भारत का प्रदर्शन :

सालरैंकस्कोरदेशों का सर्वे
20129436174
20139436175
20148538174
20157638167
20167940176
20178140180
20187841180
20198041180
20208640180

2021 में विश्वभर में श्रेष्ठ 10 भ्रष्ट देश:

क्रमांकभ्रष्ट देशभ्रष्ट रैंक
1इराक1
2कोलंबिया2
3मेक्सिको3
4ब्राजिल4
5रूस5
6ग्वाटेमाला6
7कजाखस्तान7
8लेबनान8
9अल साल्वाडोर9
10आजरबाइजान10

दुनिया के श्रेष्ठ 10 सबसे भ्रष्ट देश (2020 भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक) :

भ्रष्ट के पैमाने पर सीपीआई स्कोर अधिकतम (0) से कम से कम (100)

  • सोमालिया - 12 (टाई)
  • दक्षिण सूडान - 12 (टाई)
  • सीरिया - 14
  • वेनेज़ुएला - 15 (टाई)
  • यमन - 15 (टाई)
  • भूमध्यरेखीय गिनी - 16 (टाई)
  • सूडान - 16 (टाई)
  • लीबिया - 17
  • कांगो (डेम गणराज्य) - 18 (टाई)
  • हैती - 18 (टाई)
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