मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर सोमवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से विवादित स्थान को गंगा और यमुना जल से शुद्ध करने की अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया. इस मामले की सुनवाई एक जुलाई को होगी.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने सोमवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया. इसमें लिखा गया है कि विवादित स्थान, जहां भगवान श्रीकृष्ण का मूल विग्रह मंदिर है, उस स्थान को गंगा और यमुना जल से शुद्ध करने की अनुमति दी जाए. बहस के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय कर दी.
अखिल भारत हिंदू महासभा कोषाध्यक्ष की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में पहले भी दो प्रार्थना पत्र में दाखिल किए गए थे, इसके जरिए विवादित स्थल पर लड्डू गोपाल के जलाभिषेक और पूजा की अनुमति की मांग की गई थी.
गौरतलब है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर पिछले 2 वर्षों से जनपद के न्यायालय में कई प्रार्थना पत्र दाखिल किए गए थे, सभी प्रार्थना पत्र में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर से विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर हटाने की मांग की गई है. कहा गया था कि सन् 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने उत्तर भारत में मंदिरों को तोड़कर अवैध मस्जिदों का निर्माण कराया था. चूंकि जून में कोर्ट में एक माह का अवकाश होगा, ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई एक जुलाई को होगी.
इस बारे में दिनेश कौशिक ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का मूल विग्रह मंदिर शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे दबा हुआ है. सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. न्यायालय से शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को गंगाजल और यमुना जल से शुद्ध करने की अनुमति मांगी गई है.
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