भोपाल। मध्यप्रदेश में आसमान से आई आफत की वजह से तबाह हुए किसानों को अब मुआवजे का मरहम दिया जा रहा है. सीएम शिवराज ने कहा है कि ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश की वजह से जहां फसलों को 50 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार की राहत राशि दी जाएगी. उन्हें फसल बीमा की राशि अलग से मिलेगी. सरकारी सर्वे में उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है. इसके अलावा मवेशियों के नुकसान की भी भरपाई सरकार करेगी. चुनावी साल में हुई बेवक्त की बारिश किसान के साथ शिवराज सरकार के लिए भी कड़ी परीक्षा है. शिवराज ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनसे कर्ज वसूली भी नहीं की जाएगी.
किसानों से नहीं वसूला जाएगा कर्ज: मुख्यमंत्री शिवराज इस कोशिश में हैं कि कैसे किसान को ये अहसास कराया जाए कि सरकार इस संकट के समय में उसके साथ खड़ी है. सीएम शिवराज ने कहा, 'किसान चिंता न करें क्योंकि कर्ज वसूली नहीं की जाएगी. इतना ही नहीं, जो ब्याज बनता होगा वह भी सरकार की ओर से भरा जाएगा. ओले और बारिश से जिनकी 50 फीसदी से ज्यादा फसलें खराब हुई हैं, उन्हें प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपए की राहत राशि सरकार की ओर से दी जाएगी. इसमें फसल बीमा की राशि अलग होगी. सर्वे में उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कराया गया है, ताकि उन किसानों को भी राहत मिल सके.'
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जानवरों के नुकसान पर भी मुआवजा: मध्यप्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदा से मवेशियों की हानि पर भी मुआवजा राशि तय कर दी है. गाय-भैंस की मौत होने पर साढ़े 37 हजार रुपए दिए जाएंगे. भेड़-बकरी पर 4 हजार रुपए की राहत राशि तय की गई है. बछिया पर 20 हजार और मुर्गा-मुर्गी के नुकसान पर 100 रूपए बतौर राहत राशि दिए जाएंगे. इसके अलावा इस बेमौसम की बारिश में जिनके मकान टूटे हैं, उन्हें भी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
33 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की फसल बर्बाद: मध्यप्रदेश में मौसम ने किसानों का कड़ा इम्तिहान लिया है. कटने के लिए तैयार खड़ी फसल पर बेवक्त की बारिश और ओले ने बर्बादी का मंजर खींच दिया है. सरकारी आंकलन के मुताबिक, ओला और बारिश से प्रभावित 20 से ज्यादा जिलों की 51 तहसीलों के 520 गांव से जो शुरुआती सूचना मिली है, उसमें 38 हजार 900 किसानों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल नष्ट होने की बात है.