पौड़ी: उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड के कारण पूरे देश में हड़कंप मचा रहा. एक बार फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) सुर्खियों में है. क्योंकि अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी (Ankita Bhandari Father Virendra Bhandari) ने केस की पैरवी करने वाले शासकीय वकीलों की कार्यशैली पर प्रश्चचिन्ह लगाए हैं. वीरेंद्र भंडारी की मानें तो शासकीय अधिवक्ता हत्याकांड के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने हत्याकांड के आरोपियों की पैरवी शासकीय अधिवक्ता द्वारा किए जाने को नियम विरुद्ध बताया है.
अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि यह न्याय के खिलाफ है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सरकार को हत्याकांड की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अपराध की तैनाती के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके आज तक वकील की तैनाती नहीं हो पाई है. शासकीय अधिवक्ता की कार्यशैली से दुखी अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी मुख्यालय पौड़ी पहुंचकर डीएम से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन भेज सरकार की कार्यशैली पर भी संदेह जताया है.
मीडिया से बातचीत करते हुए वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा मिलनी चाहिए. लेकिन सरकार इस मामले में उनके पक्ष की पैरवी मजबूती से नहीं कर पा रही है. जिससे मामला धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य से मामले में सरकार के शासकीय अधिवक्ता ही हत्याकांड के आरोपियों को बचाने के लिए पैरवी कर रहे हैं.
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वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, अंकित एवं सौरभ के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के खिलाफ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे हैं. इससे पहले उनके ही जूनियर अधिवक्ता ने आरोपियों की बेल एप्लीकेशन दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि न्याय के विरुद्ध कार्य कर रहे ऐसे शासकीय अधिवक्ताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.
क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त 2022 से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, बीती 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ था. इसके बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार किया गया. तीनों इस समय जेल में बंद हैं. अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर चुकी है. अब बात तीनों आरोपियों को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर अटकी है.