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जम्मू-कश्मीर: मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की नजरबंदी को खत्म करना अब अनिवार्य: अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद - Anjuman Awqaf Jama Masjid

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में श्रीनगर के अंजुमन मीरवाइज (Anjuman Mirwaiz) पर पिछले 160 शुक्रवारों से प्रतिबंध लगा हुआ है और उसे नजरबंद किया गया है. ऐसे में इसे लेकर जामा मस्जिद एंडोमेंट एसोसिएशन, श्रीनगर ने चिंता व्यक्त की है.

डॉ. मौलवी मुहम्मद उमर फारूक
डॉ. मौलवी मुहम्मद उमर फारूक
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Published : Oct 21, 2022, 9:28 PM IST

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): जामा मस्जिद एंडोमेंट एसोसिएशन, श्रीनगर ने एक बार फिर इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि अंजुमन मीरवाइज (Anjuman Mirwaiz) के प्रमुख डॉ. मौलवी मुहम्मद उमर फारूक (Dr. Maulvi Muhammad Umar Farooq) को तीन साल से अधिक समय से अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. उसे अनैतिक रूप से घर में नजरबंद करके उसके सभी शांति कार्यों को प्रतिबंधित कर दिया है.

एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि लगातार 160 शुक्रवारों से मीरवाइज पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसके कारण सेंट्रल जामिया मस्जिद श्रीनगर का शताब्दी पल्पिट और मिहराब आस्था-पुष्टि करने वाली आवाजों से पूरी तरह चुप है. इस वजह से शहर से जुमे की नमाज अदा करने के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालु दिन-ब-दिन हताश और चिंतित महसूस कर रहे हैं.

पढ़ें: हेट स्पीच मामले में SC की सख्त टिप्पणी-धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं?

बयान में कहा गया था कि रबी-उल-अव्वल का महीना, जो पैगंबर मुहम्मद मुस्तफा (उन पर शांति हो) के आशीर्वाद का महीना है, समाप्त हो रहा है और मीरवाइज की नजरबंदी अभी भी जारी है, जो अत्यंत दुखद एवं निंदनीय है. एसोसिएशन ने आशा व्यक्त की कि अधिकारियों को टालमटोल की नीति को त्याग देना चाहिए और मीरवाइज की नजरबंदी को समाप्त करना चाहिए, ताकि वह लोगों और समाज के प्रति अपने लंबे समय से चले आ रहे कर्तव्यों को पूरा कर सके.

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): जामा मस्जिद एंडोमेंट एसोसिएशन, श्रीनगर ने एक बार फिर इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि अंजुमन मीरवाइज (Anjuman Mirwaiz) के प्रमुख डॉ. मौलवी मुहम्मद उमर फारूक (Dr. Maulvi Muhammad Umar Farooq) को तीन साल से अधिक समय से अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. उसे अनैतिक रूप से घर में नजरबंद करके उसके सभी शांति कार्यों को प्रतिबंधित कर दिया है.

एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि लगातार 160 शुक्रवारों से मीरवाइज पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसके कारण सेंट्रल जामिया मस्जिद श्रीनगर का शताब्दी पल्पिट और मिहराब आस्था-पुष्टि करने वाली आवाजों से पूरी तरह चुप है. इस वजह से शहर से जुमे की नमाज अदा करने के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालु दिन-ब-दिन हताश और चिंतित महसूस कर रहे हैं.

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बयान में कहा गया था कि रबी-उल-अव्वल का महीना, जो पैगंबर मुहम्मद मुस्तफा (उन पर शांति हो) के आशीर्वाद का महीना है, समाप्त हो रहा है और मीरवाइज की नजरबंदी अभी भी जारी है, जो अत्यंत दुखद एवं निंदनीय है. एसोसिएशन ने आशा व्यक्त की कि अधिकारियों को टालमटोल की नीति को त्याग देना चाहिए और मीरवाइज की नजरबंदी को समाप्त करना चाहिए, ताकि वह लोगों और समाज के प्रति अपने लंबे समय से चले आ रहे कर्तव्यों को पूरा कर सके.

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