नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) के खिलाफ मामलों में, जहां यह आदेश दिया गया था कि कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाना चाहिए इसका मतलब यह नहीं है कि यह जांच पर रोक है.
इस बारे में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar) की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उन्हें जांच में सहयोग करने की जरूरत है और अगर उन्हें आदेश से कोई समस्या है तो वे औपचारिक आवेदन दाखिल कर सकते हैं. अदालत देशमुख द्वारा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन मामलों में सुरक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
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बता दें कि 6 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी की थी. मनी लांड्रिंग के आरोपों में घिरे अनिल देशमुख के महाराष्ट्र (Maharashtra) स्थित नागपुर के तीन ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की. ईडी ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
अनिल देशमुख ईडी के चौथे समन को भी नकार चुके थे. वह मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में चौथी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी ने पहले भी देशमुख को धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए तीन बार बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे.