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यहां नए कलेवर में दिखेंगे आंगनबाड़ी स्कूल, 'स्मार्ट' बनेंगे बच्चे

झारखंड के हजारीबाग सहित सभी जिलों में आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को विशेष रूप से पढ़ाया जाएगा. राज्य में पहली बार आंगनबाड़ी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को सिलेबस आधारित पढ़ाई कराई जाएगी. इसे लेकर पूरे राज्यभर में व्यापक तैयारी की जा रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Jan 21, 2021, 7:37 PM IST

हजारीबाग : आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. राज्य में पहली बार आंगनबाड़ी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को सिलेबस आधारित पढ़ाई कराई जाएगी. इसे लेकर पूरे राज्य में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. कोरोना काल में स्थितियां सामान्य होने और राज्य सरकार की इजाजत देने पर इस साल शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से यह संचालित भी कर लिया जाएगा.


संवारे जा रहे आंगनबाड़ी स्कूल

आंगनबाड़ी स्कूल के बारे में यही सोचा जाता है कि यहां बच्चे सिर्फ टाइमपास करने के लिए पहुंचते हैं. अब यह बात गलत साबित होने जा रही है. 1975 से आंगनबाड़ी स्कूल संचालित हैं. पर यहां कोई सिलेबस नहीं था. इस कारण सेविका जैसे-तैसे अपने अनुसार बच्चों को पढ़ातीं थीं. अब सेविकाएं एक निश्चित पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चों को शिक्षा देंगी. यह व्यवस्था समाज कल्याण विभाग द्वारा लागू की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों को सजाया-संवारा जा रहा है, ताकि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंचे. अब पढ़ाई के साथ ही बच्चों को खेलने की व्यवस्था भी की जा रही है.

झारखंड : नये कलेवर में दिखेंगे आंगनबाड़ी स्कूल
शेड्यूल बनाकर दी जाएगी शिक्षा

हजारीबाग में प्रमंडलीय स्तरीय ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा जिले से ट्रेनिंग पाने के लिए महिलाएं पहुंची हैं. कोर्स के बारे बताया गया कि सिलेबस 12 महीने में विभाजित है. 12 महीने का अलग-अलग थीम बनाया गया है. प्रत्येक महीने के लिए अलग थीम है. फिर प्रत्येक महीने को चार अलग-अलग भागों में बांटा गया है. जैसे अगर फल के बारे में बच्चों को बताना है, तो एक सप्ताह तक फलों के बारे में जानकारी दिया जाएगा. आस-पास जो फल मिलते हैं उनका उन्हें व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ उसकी खासियत भी बताई जाएगी. ट्रेनिंग देने मास्टर ट्रेनर कहती हैं कि प्रत्येक दिन का भी अलग-अलग शेड्यूल हम लोगों ने बनाया है. इसका लाभ आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा.

नयापन होगा, तो आएंगे बच्चे

ट्रेनिंग लेने आईं प्रवेशिका बताती हैं कि आज के समय में आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे कम पहुंच रहे हैं और कई प्ले स्कूल खुल गए हैं. अगर आंगनबाड़ी में अच्छे तरीके से बच्चों को सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जाएगा, तो छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी और गरीब तबके के बच्चों को अच्छा वातावरण मिलेगा. ट्रेनिंग पाने वाली प्रवेशिका ने यह विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में सुनियोजित तरीके से बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दिया जा रहा है. हम लोग अब अपने अपने क्षेत्र में जाकर सेविकाओं को इसकी जानकारी देंगे, ताकि अच्छा परिणाम सामने आ सके.

आंगनबाड़ी बने अब प्री-नर्सरी स्कूल

हजारीबाग समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा का कहना है कि अप्रैल महीने से आंगनबाड़ी स्कूल में बच्चे आना शुरू हो जाएंगे. अब आंगनबाड़ी स्कूल को प्री-नर्सरी स्कूल का दर्जा दिया गया है. जहां गरीब एवं मुख्यधारा से दूर हुए लोगों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दी जाएगी. इस बावत स्कूल में शुद्ध पेयजल, बच्चों के लिए खिलौना, बिजली की व्यवस्था, किताब की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही साथ बच्चों को पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए भी रूपरेखा तैयार किया गया है.

इसे भी पढ़ें- चीन सीमा पर माइनस 12 डिग्री तापमान में भी देश की सुरक्षा में डटे भारतीय जवान

हजारीबाग : आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. राज्य में पहली बार आंगनबाड़ी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को सिलेबस आधारित पढ़ाई कराई जाएगी. इसे लेकर पूरे राज्य में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. कोरोना काल में स्थितियां सामान्य होने और राज्य सरकार की इजाजत देने पर इस साल शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से यह संचालित भी कर लिया जाएगा.


संवारे जा रहे आंगनबाड़ी स्कूल

आंगनबाड़ी स्कूल के बारे में यही सोचा जाता है कि यहां बच्चे सिर्फ टाइमपास करने के लिए पहुंचते हैं. अब यह बात गलत साबित होने जा रही है. 1975 से आंगनबाड़ी स्कूल संचालित हैं. पर यहां कोई सिलेबस नहीं था. इस कारण सेविका जैसे-तैसे अपने अनुसार बच्चों को पढ़ातीं थीं. अब सेविकाएं एक निश्चित पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चों को शिक्षा देंगी. यह व्यवस्था समाज कल्याण विभाग द्वारा लागू की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों को सजाया-संवारा जा रहा है, ताकि बच्चे आकर्षित होकर स्कूल पहुंचे. अब पढ़ाई के साथ ही बच्चों को खेलने की व्यवस्था भी की जा रही है.

झारखंड : नये कलेवर में दिखेंगे आंगनबाड़ी स्कूल
शेड्यूल बनाकर दी जाएगी शिक्षा

हजारीबाग में प्रमंडलीय स्तरीय ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा जिले से ट्रेनिंग पाने के लिए महिलाएं पहुंची हैं. कोर्स के बारे बताया गया कि सिलेबस 12 महीने में विभाजित है. 12 महीने का अलग-अलग थीम बनाया गया है. प्रत्येक महीने के लिए अलग थीम है. फिर प्रत्येक महीने को चार अलग-अलग भागों में बांटा गया है. जैसे अगर फल के बारे में बच्चों को बताना है, तो एक सप्ताह तक फलों के बारे में जानकारी दिया जाएगा. आस-पास जो फल मिलते हैं उनका उन्हें व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ उसकी खासियत भी बताई जाएगी. ट्रेनिंग देने मास्टर ट्रेनर कहती हैं कि प्रत्येक दिन का भी अलग-अलग शेड्यूल हम लोगों ने बनाया है. इसका लाभ आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा.

नयापन होगा, तो आएंगे बच्चे

ट्रेनिंग लेने आईं प्रवेशिका बताती हैं कि आज के समय में आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे कम पहुंच रहे हैं और कई प्ले स्कूल खुल गए हैं. अगर आंगनबाड़ी में अच्छे तरीके से बच्चों को सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जाएगा, तो छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी और गरीब तबके के बच्चों को अच्छा वातावरण मिलेगा. ट्रेनिंग पाने वाली प्रवेशिका ने यह विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में सुनियोजित तरीके से बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दिया जा रहा है. हम लोग अब अपने अपने क्षेत्र में जाकर सेविकाओं को इसकी जानकारी देंगे, ताकि अच्छा परिणाम सामने आ सके.

आंगनबाड़ी बने अब प्री-नर्सरी स्कूल

हजारीबाग समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा का कहना है कि अप्रैल महीने से आंगनबाड़ी स्कूल में बच्चे आना शुरू हो जाएंगे. अब आंगनबाड़ी स्कूल को प्री-नर्सरी स्कूल का दर्जा दिया गया है. जहां गरीब एवं मुख्यधारा से दूर हुए लोगों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दी जाएगी. इस बावत स्कूल में शुद्ध पेयजल, बच्चों के लिए खिलौना, बिजली की व्यवस्था, किताब की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही साथ बच्चों को पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए भी रूपरेखा तैयार किया गया है.

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