विजयवाड़ा : पुलिस ने बिल्डर की मौत के एक साल बाद मामले का पर्दाफाश करते हुए हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि बिल्डर पीठाला अप्पलाराजू की पिछले साल नवंबर में विजयवाड़ा के एक उपनगर पयाकापुरम में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. हालांकि वह विजयवाड़ा में अकेले ही रहते थे, जबकि उनका परिवार विशाखापत्तनम में रहता था.
हालांकि बिल्डर की मौत को लेकर पुलिस को हत्या का अंदेशा था, इस वजह से मृतक के शरीर के कुछ हिस्सों को फोरेंसिक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था. इसके अलावा जांच के क्रम में मोबाइल काल डाटा और सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की भी जांच की गई थी. तब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. वहीं मृतक के आवास के निचले हिस्से में साईकुमार का परिवार रहता था जो उनके यहां पर्यवेक्षक का काम करता था.
इसीक्रम में पुलिस ने साई कुमार के अलावा उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से दस दिनों तक पूछताछ की. इस पर साईकुमार के रिश्तेदारों ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि पुलिस जांच के नाम पर उन्हें परेशान कर रही है. इसके बाद पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाना बंद कर दिया. इसी बीच फोरेंसिक रिपोर्ट में मौत की वजह जहर का प्रयोग किया जाना बताया गया. इस पर पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की. साथ ही साईकुमार से शक के आधार पर पैनी नजर रखने के साथ ही उसके साथ कड़ाई से पूछताछ की. इस दौरान जांच में पता चला कि चूंकि अप्पलाराजू अकेला रह रहा था इस वजह पर्यवेक्षक की पत्नी सुधा रेवती उसे हर दिन उनके घर से खाना भेजती थी.
वहीं सुधा रेवती ने अपने पति और भाई को बताया कि राजू ने उसका यौन शोषण करना शुरू कर दिया है. इस पर अप्पलाराजू को मारने के लिए हत्या की सुपारी देने के मामले में मतभेद हो जाने पर उन्होंने खुद ही घटना को अंजाम देने का फैसला किया. वहीं योजना के मुताबिक पिछले साल 31 अक्टूबर को रात के खाने में बिल्डर को चूहामार मिलाकर दे दिया गया. इसके बाद बिल्डर अप्पालाराजू की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने सुधा रेवती के अलावा उसकी मां और बेटियों के साथ ही सहयोग करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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