अमरावती : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से एक बार फिर प्रदेश सरकार को झटका मिला है. सिंगल बेंच के मार्गदर्शी चिट फंड कंपनी के पक्ष में पारित आदेश के खिलाफ सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है.
दरअसल, 19 अक्टूबर को एकल न्यायाधीश ने मार्गदर्शी चिट फंड कंपनी की तीन शाखाओं के बैंक खातों को डीफ्रीज करने का आदेश सुनाने के साथ आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस के नोटिस को निलंबित कर दिया था. इसके बाद प्रदेश सरकार और पुलिस ने एकल न्यायाधीश के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दोबारा रुख किया, जहां उच्च न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को यह कहकर याचिका खारिज की कि राज्य सरकार और पुलिस की अपीलें सुनवाई योग्य नहीं हैं.
न्यायाधीश जस्टिस यू दुर्गाप्रसाद राव और जस्टिस एवी रवींद्र बाबू की पीठ ने स्पष्ट किया कि मार्गदर्शी चिट फंड मामले में एकल न्यायाधीश द्वारा पारित अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका आपराधिक कानून के प्रावधानों के तहत अपील योग्य नहीं हैं. साथ ही अदालत ने सरकार और पुलिस को एकल न्यायाधीश के समक्ष मामलों में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया. इसी के साथ उन्होंने उम्मीद की है कि एकल न्यायाधीश जल्द से जल्द मुख्य मुकदमों की सुनवाई करेंगे.
बता दें कि पिछले गुरुवार को उच्च न्यायालय ने विशाखापट्टनम, चिराला और सिथमपेटा स्थित मार्गदर्शी चिट फंड की तीन शाखाओं के बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा अलग से जारी किए गए नोटिस को निलंबित कर दिया था. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एस सुब्बा रेड्डी ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए संबंधित बैंक प्रबंधकों को चिट फंड ग्राहकों की सुविधा के लिए मार्गदर्शी शाखा प्रबंधकों द्वारा रखे गए खातों को डीफ्रीज (defreeze) करने का निर्देश दिया.