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आंध्र प्रदेश सरकार ने आईपीएस अधिकारी का निलंबन लिया वापस - आंध्र प्रदेश सरकार का आदेश

आंध्र प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एबी वेंकटेश्वर राव का निलंबन आदेश वापस लिया. सरकार ने कहा कि एबी वेंकटेश्वर की सेवा 8 फरवरी 2022 से नवीनीकृत किया जाता है.

आईपीएस अधिकारी
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Published : May 18, 2022, 7:22 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पूर्व पुलिस एडीजी (खुफिया) एबी वेंकटेश्वर राव का निलंबन आदेश वापस ले लिया है. हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सरकार ने कहा कि एबी वेंकटेश्वर की सेवा 8 फरवरी 2022 से नवीनीकृत किया जाता है. वहीं, वेंकटेश्वर को निर्देश दिया गया है कि अगले आदेश तक सामान्य प्रशासन को रिपोर्ट करेंगे.

गौरतलब है कि 8 फरवरी 2020 में राज्य सरकार ने वेंकटेश्वर राव को उनके कथित कदाचार और एक इजरायली कंपनी से सुरक्षा उपकरणों की खरीद में अनियमितताओं के लिए निलंबित कर दिया था. सरकार ने बयान में कहा था कि राव ने एक विदेशी निगरानी कंपनी को पुलिस सुरक्षा प्रोटोकॉल प्रणाली का विवरण सौंपा था जो राष्ट्रीय और राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती थी.

इसके बाद वेंकटेश्वर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने वेंकटेश्वर के निलंबन को रद्द करने के पक्ष में फैसला सुनाया था. वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निलंबन अधिकतम दो साल के लिए हो सकता है और चूंकि दो साल की अवधि समाप्त हो गई है इसलिए निलंबन रद्द किया जाए.

पढ़ें : पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, CM ने की फैसले की सराहना

कोर्ट को आदेश पर एबी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि, 'मैं हमेशा कानूनी रूप से आगे बढ़ा. निलंबन से लड़ने के लिए कानूनी सहारा लिया, जबकि सरकार ने केस जीतने के लिए बड़ी रकम खर्च की. मुझे एक झूठी रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने निलंबन रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आज इसकी पुष्टि की, लेकिन इसमें दो साल से ज्यादा का समय लगा. राव से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ कि राज्य सरकार केस क्यों हार गई? क्या यह किसी को खुश करने के लिए किया गया था?

''मेरे खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू किया था' : निलंबन रद होने के बाद उन्होंने अदालत परिसर में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि 'मुझे 8 फरवरी, 2020 की आधी रात को निलंबित कर दिया गया था और उसी समय, सीएम के सीपीआरओ पुदी श्रीहरि ने मेरे खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान शुरू किया था. साक्षी टीवी पर दो दिनों तक इसका खूब प्रचार किया गया. इस झूठे प्रचार पर कई लोगों को विश्वास दिलाया गया. इसलिए, मैंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है कि मैं कानूनी सहारा लूंगा. जब मैं निलंबन को लेकर कैट में गया तो राज्य सरकार ने वरिष्ठ वकील प्रकाश रेड्डी को हॉयर किया और उन्हें 20 लाख रुपये का भुगतान किया. एजी ने उच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व किया और मुझे नहीं पता कि उन्हें कितना भुगतान किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के लिए वकीलों की एक टीम नियुक्त की गई थी. करोड़ों रुपये खर्च हुए होंगे. मैं मांग करता हूं कि सरकार मुझे कानूनी खर्चों के लिए उस पैसे के बराबर भुगतान करे जो उसने केस लड़ने पर खर्च किया.'

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पूर्व पुलिस एडीजी (खुफिया) एबी वेंकटेश्वर राव का निलंबन आदेश वापस ले लिया है. हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सरकार ने कहा कि एबी वेंकटेश्वर की सेवा 8 फरवरी 2022 से नवीनीकृत किया जाता है. वहीं, वेंकटेश्वर को निर्देश दिया गया है कि अगले आदेश तक सामान्य प्रशासन को रिपोर्ट करेंगे.

गौरतलब है कि 8 फरवरी 2020 में राज्य सरकार ने वेंकटेश्वर राव को उनके कथित कदाचार और एक इजरायली कंपनी से सुरक्षा उपकरणों की खरीद में अनियमितताओं के लिए निलंबित कर दिया था. सरकार ने बयान में कहा था कि राव ने एक विदेशी निगरानी कंपनी को पुलिस सुरक्षा प्रोटोकॉल प्रणाली का विवरण सौंपा था जो राष्ट्रीय और राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती थी.

इसके बाद वेंकटेश्वर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने वेंकटेश्वर के निलंबन को रद्द करने के पक्ष में फैसला सुनाया था. वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निलंबन अधिकतम दो साल के लिए हो सकता है और चूंकि दो साल की अवधि समाप्त हो गई है इसलिए निलंबन रद्द किया जाए.

पढ़ें : पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, CM ने की फैसले की सराहना

कोर्ट को आदेश पर एबी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि, 'मैं हमेशा कानूनी रूप से आगे बढ़ा. निलंबन से लड़ने के लिए कानूनी सहारा लिया, जबकि सरकार ने केस जीतने के लिए बड़ी रकम खर्च की. मुझे एक झूठी रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने निलंबन रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आज इसकी पुष्टि की, लेकिन इसमें दो साल से ज्यादा का समय लगा. राव से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ कि राज्य सरकार केस क्यों हार गई? क्या यह किसी को खुश करने के लिए किया गया था?

''मेरे खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू किया था' : निलंबन रद होने के बाद उन्होंने अदालत परिसर में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि 'मुझे 8 फरवरी, 2020 की आधी रात को निलंबित कर दिया गया था और उसी समय, सीएम के सीपीआरओ पुदी श्रीहरि ने मेरे खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान शुरू किया था. साक्षी टीवी पर दो दिनों तक इसका खूब प्रचार किया गया. इस झूठे प्रचार पर कई लोगों को विश्वास दिलाया गया. इसलिए, मैंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है कि मैं कानूनी सहारा लूंगा. जब मैं निलंबन को लेकर कैट में गया तो राज्य सरकार ने वरिष्ठ वकील प्रकाश रेड्डी को हॉयर किया और उन्हें 20 लाख रुपये का भुगतान किया. एजी ने उच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व किया और मुझे नहीं पता कि उन्हें कितना भुगतान किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के लिए वकीलों की एक टीम नियुक्त की गई थी. करोड़ों रुपये खर्च हुए होंगे. मैं मांग करता हूं कि सरकार मुझे कानूनी खर्चों के लिए उस पैसे के बराबर भुगतान करे जो उसने केस लड़ने पर खर्च किया.'

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