नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने देश के कुछ राज्यों में कोरोना रोधी टीकों की कमी होने की पृष्ठभूमि में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह मौजूदा चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की पहल करें.
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता शर्मा ने ट्वीट किया, 'लोकतंत्र की शक्ति सहयोग और संवाद है. प्रधानमंत्री के पास देश के निर्वाचित नेता के रूप में जनादेश है. राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी संवैधानिक जनादेश मिला है, जिसे मान्यता दी जानी चाहिए. भारत एक संघीय देश है और संविधान की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए.'
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता भारत के राष्ट्रीय हित को आहत करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी संघवाद की बात की है. अब इस मंत्र पर अमल करने का समय है.'
'सभी को एकजुट रहना चाहिए'
शर्मा ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की पहल करें. लोकतंत्र में विचारधाराओं का विरोध बना रहेगा लेकिन ये अंतर व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए. संकट की इस घड़ी में हम सभी को एकजुट रहना चाहिए.'
उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया है जब कुछ राज्य सरकारों ने टीके की कमी और कई विदेशी कंपनियों द्वारा सीधे राज्यों के साथ टीकों की बिक्री का करार करने से इनकार करने का हवाला देते हुए केंद्र पर निशाना साधा है.
दिल्ली-पंजाब को टीके देने से मना कर चुकी हैं कंपनियां
गौरतलब है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि फाइजर और मॉडर्ना ने कोरोना वायरस के टीके सीधे दिल्ली सरकार को बेचने से मना कर दिया है और इन कंपनियों ने कहा है कि वे केवल केंद्र से बात करेंगी.
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गत रविवार को पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा था कि अमेरिका की टीका निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने राज्य सरकार को सीधे टीके देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह केवल केंद्र सरकार से बात करेगी.
(पीटीआई-भाषा)