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प्रयागराज में 21 हिरणों की मौत का मामला, तीन कर्मचारी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आवारा कुत्तों के हमले से सोमवार को 21 हिरणों की मौत (prayagraj 21 deer death case ) हो गयी थी. आनंद कानन बिरला हाउस (anand kanan birla house prayagraj) में हिरणों की मौत के मामले में पुलिस ने तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Dec 30, 2022, 10:45 AM IST

Updated : Dec 30, 2022, 7:41 PM IST

प्रयागराज : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आनंद कानन बिड़ला हाउस में पाले गए 21 हिरणों की मौत के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इस मामले में एक और आरोपी की तलाश कर रही है.

सोमवार को आवारा कुत्तों के हमले से प्रयागराज में 20 हिरण और एक चीतल की मौत हो गयी थी. इन हिरणों को आवारा कुत्ते नोच नोच कर खा गए थे. वन विभाग की जांच में सामने आया है कि सुरक्षा में लापरवाही के कारण हिरणों की मौत हुई है. अब इसकी जांच जिला प्रशासन और और पुलिस टीम ने भी शुरू कर दी है. डीएफओ महावीर कौजलगी प्रदीप ने कहा कि इस मामले में बिड़ला ग्रुप को भी नोटिस दिया जाएगा.

डीएफओ महावीर कौजलगी प्रदीप ने कहा कि झूंसी के छतनाग गांव में बिरला आनंद कानन गेस्ट हाउस है. परिसर के भीतर हिरणों के एक कुनबे को बाड़ा बनाकर रखा गया. इसके लिए बिड़ला समूह ने वन विभाग से बाकायदा लाइसेंस लिया था. यहां करीब 30 सालों से हिरण पाले जा रहे हैं. हिरणों की देखरेख की जिम्मेदारी यूनिवर्सल केबिल कंपनी लिमिटेड की थी. कंपनी ने देखरेख के लिए 14 कर्मचारियों को तैनात कर रखा था. 8 घंटे की शिफ्ट में यह कर्मचारी काम कर रहे थे. एक शिफ्ट में चार कर्मचारी रहते थे. जबकि दो कर्मचारी सुपरवाइजर का काम करते थे.

डीएफओ ने बताया कि सुरक्षा में लापरवाही के कारण आवारा कुत्तों के हमले से 20 हिरणों और एक चीतल की मौत हो गई . इसके अलावा एक चीतल भी मारा गया. इस मामले में 3 कर्मचारियों और गेस्ट हाउस के प्रबंधक अशोक कुमार डांगर खिलाफ झूंसी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. सुरक्षा अधिकारी अवधेश कुमार, चौकीदार जंग बहादुर और कीपर लालचंद यादव को गिरफ्तार किया गया है. बाड़े सुरक्षा करने वाली फर्म के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है,.

उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस परिसर के आसपास गंगा का किनारा होने के कारण काफी संख्या में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं. सोमवार रात कुत्तों के झुंड ने हिरणों के बाड़े पर हमला बोल दिया. कुत्ते 6 फीट की बाड़ को कूदकर अंदर घुसे थे. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों के हमले में 20 हिरण मारे गए. मंगलवार सुबह जब कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो वहां का हाल देखकर सन्न रह गए. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो सभी हिरण मर चुके थे. सभी मारे गए हिरणों को पोस्टमॉर्टम के बाद गेस्ट हाउस परिसर में ही दफना दिया गया.

कुत्तों के हमले में मारे गए हिरणों का पोस्टमॉर्टम 4 पशु चिकित्सकों के पैनल ने किया. इस पैनल में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार, झूंसी पशु अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. वैभव मिश्र, बहादुरपुर के प्रभारी डॉ. शशि भूषण तथा सहसों प्रभारी डॉ. अनिल यादव शामिल रहे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, कुत्तों के हमले के बाद शॉक से हिरनों की मौत हुई है. कुछ हिरणों को आधे से ज्यादा कुत्तों ने नोचकर खा लिया था.

ये भी पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुईं हीरा बा, पीएम मोदी ने दी मुखाग्नि

प्रयागराज : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आनंद कानन बिड़ला हाउस में पाले गए 21 हिरणों की मौत के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इस मामले में एक और आरोपी की तलाश कर रही है.

सोमवार को आवारा कुत्तों के हमले से प्रयागराज में 20 हिरण और एक चीतल की मौत हो गयी थी. इन हिरणों को आवारा कुत्ते नोच नोच कर खा गए थे. वन विभाग की जांच में सामने आया है कि सुरक्षा में लापरवाही के कारण हिरणों की मौत हुई है. अब इसकी जांच जिला प्रशासन और और पुलिस टीम ने भी शुरू कर दी है. डीएफओ महावीर कौजलगी प्रदीप ने कहा कि इस मामले में बिड़ला ग्रुप को भी नोटिस दिया जाएगा.

डीएफओ महावीर कौजलगी प्रदीप ने कहा कि झूंसी के छतनाग गांव में बिरला आनंद कानन गेस्ट हाउस है. परिसर के भीतर हिरणों के एक कुनबे को बाड़ा बनाकर रखा गया. इसके लिए बिड़ला समूह ने वन विभाग से बाकायदा लाइसेंस लिया था. यहां करीब 30 सालों से हिरण पाले जा रहे हैं. हिरणों की देखरेख की जिम्मेदारी यूनिवर्सल केबिल कंपनी लिमिटेड की थी. कंपनी ने देखरेख के लिए 14 कर्मचारियों को तैनात कर रखा था. 8 घंटे की शिफ्ट में यह कर्मचारी काम कर रहे थे. एक शिफ्ट में चार कर्मचारी रहते थे. जबकि दो कर्मचारी सुपरवाइजर का काम करते थे.

डीएफओ ने बताया कि सुरक्षा में लापरवाही के कारण आवारा कुत्तों के हमले से 20 हिरणों और एक चीतल की मौत हो गई . इसके अलावा एक चीतल भी मारा गया. इस मामले में 3 कर्मचारियों और गेस्ट हाउस के प्रबंधक अशोक कुमार डांगर खिलाफ झूंसी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. सुरक्षा अधिकारी अवधेश कुमार, चौकीदार जंग बहादुर और कीपर लालचंद यादव को गिरफ्तार किया गया है. बाड़े सुरक्षा करने वाली फर्म के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है,.

उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस परिसर के आसपास गंगा का किनारा होने के कारण काफी संख्या में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं. सोमवार रात कुत्तों के झुंड ने हिरणों के बाड़े पर हमला बोल दिया. कुत्ते 6 फीट की बाड़ को कूदकर अंदर घुसे थे. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों के हमले में 20 हिरण मारे गए. मंगलवार सुबह जब कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो वहां का हाल देखकर सन्न रह गए. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो सभी हिरण मर चुके थे. सभी मारे गए हिरणों को पोस्टमॉर्टम के बाद गेस्ट हाउस परिसर में ही दफना दिया गया.

कुत्तों के हमले में मारे गए हिरणों का पोस्टमॉर्टम 4 पशु चिकित्सकों के पैनल ने किया. इस पैनल में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार, झूंसी पशु अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. वैभव मिश्र, बहादुरपुर के प्रभारी डॉ. शशि भूषण तथा सहसों प्रभारी डॉ. अनिल यादव शामिल रहे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, कुत्तों के हमले के बाद शॉक से हिरनों की मौत हुई है. कुछ हिरणों को आधे से ज्यादा कुत्तों ने नोचकर खा लिया था.

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Last Updated : Dec 30, 2022, 7:41 PM IST
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