प्रयागराज : गुरु-शिष्य की परंपरा इस देश में सदियों से चली आ रही है. लेकिन अगर शिष्य पहले गुरु पर संगीन आरोपों की झड़ी लगा दे और फिर पैर पकड़कर माफी मांग ले तो आप क्या कहेंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच चल रहा विवाद पिछले दिनों खत्म हो गया था.
गुरु के पैर पकड़कर शिष्य ने मांगी थी माफी
संगमनगरी में साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच बात बन गई थी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप हुआ था. आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के पैर पकड़कर माफी मांगी और सोशल मीडिया, टीवी चैनलों पर समाचार पत्रों में महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ दिए गए सभी बयान वापस ले लिए थे. योग गुरु आनंद गिरि ने अपने गुरु और निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी थी.
गुरु ने भी शिष्य को किया था माफ
महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगी पाबंदी को हटा लिया था. महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य स्वामी आनंद गिरी पर लगाए आरोपों को भी वापस ले लिया था. महंत नरेंद्र गिरि का कहना था कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा शिष्य का अधिकार होता है. आनंद गिरि उनके शिष्य हैं, इसलिए वह पूजा कर सकते हैं. दोनों पक्षों के बयान आने के बाद बीते 14 मई से चल रहा गतिरोध अब थमता दिखा था.
गुरु-शिष्य के बीच क्यों बिगड़ी थी बात
बीते 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित करने के बाद गुरु शिष्य के बीच विवाद बढ़ गया था. स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई की गई थी. अखाड़े और मठ, मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद आनंद गिरि सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लगातार अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे.
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